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हिंदुस्तान कंस्ट्रक्शन को 2726.49 करोड़ का ठेका

हिंदुस्तान कंस्ट्रक्शन कंपनी (एचसीसी) को नेशनल हाइड्रोइलेक्ट्रिक पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड की ओर से कृष्णगंगा जलविद्युत परियोजना का ठेका मिला है। एचसीसी ने बीएसई को भेजी गयी एक विज्ञप्ति में सूचित किया है कि एनएचपीसी की ओर से एचसीसी- हालक्रो कंसोर्टियम को 2726.49 करोड़ रुपये का ठेका दिया गया है, जिसके तहत इसे झेलम की सहायक नदी कृष्णगंगा पर 37 मीटर ऊँचा बाँध बनाना है।

विजया बैंक का मुनाफा 23.7% बढ़ा

विजया बैंक के लाभ में 23.7% की बढ़ोतरी हुई है। बैंक का लाभ अक्टूबर-दिसंबर 2008 की तिमाही में 156.99 करोड़ रुपये हो गया है, जबकि पिछले वर्ष 2007 की इसी तिमाही में यह 126.88 करोड़ रुपये था। साल 2008 की दिसंबर तिमाही में बैंक को 1634.98 करोड़ रुपये की आय हुई, जबकि पिछले वर्ष 2007 की इसी तिमाही में बैंक की आय 1139.19 करोड़ रुपये रही थी।

केनरा बैंक के लाभ में 52.9% की बढ़ोतरी

केनरा बैंक के लाभ में 52.9% की वृद्धि हुई है। बैंक का लाभ अक्टूबर-दिसंबर 2008 की तिमाही में 701.5 करोड़ रुपये हो गया है, जबकि पिछले वर्ष 2007 की इसी तिमाही में यह 458.83 करोड़ रुपये रहा था। साल 2008 की दिसंबर तिमाही में बैंक को 5382.9 करोड़ रुपये की आय हुई, जबकि पिछले वर्ष 2007 की इसी तिमाही में बैंक की आय 4096.6 करोड़ रुपये रही थी।

वोल्टास के मुनाफे में 10% की कमी

वोल्टास के लाभ में 10% की कमी आयी है। कंपनी का कर-पश्चात-लाभ (पीएटी) अक्टूबर-दिसंबर 2008 की तिमाही में 42 करोड़ रुपये रहा है, जबकि पिछले वर्ष 2007 की इसी तिमाही में कंपनी का पीएटी 47 करोड़ रुपये था। वोल्टास ने बीएसई को भेजी गयी विज्ञप्ति में सूचित किया है कि इसकी बिक्री में इस दौरान 29% की बढ़ोतरी हुई है और यह बढ़ कर 870 करोड़ रुपये हो गयी है, जबकि पिछले वर्ष 2007 की इसी तिमाही में यह 677 करोड़ रुपये रही थी।

यूनियन बैंक ऑफ इंडिया के लाभ में 84% की बढ़ोतरी

यूनियन बैंक ऑफ इंडिया के लाभ में 84% की बढ़ोतरी हुई है। बैंक का लाभ अक्टूबर-दिसंबर 2008 की तिमाही में 671.74 करोड़ रुपये हो गया है, जबकि पिछले वर्ष 2007 की इसी तिमाही में यह लाभ 365.02 करोड़ रुपये था। साल 2008 की दिसंबर तिमाही में बैंक को 3653.79 करोड़ रुपये की आय हुई, जबकि पिछले वर्ष 2007 की इसी तिमाही में बैंक की आय 2806.04 करोड़ रुपये रही थी।

तेल कंपनियों को आजादी या एक और चुनावी चाल

राजीव रंजन झा

पिछले कुछ समय से लगातार ऐसी अटकलें चल रही हैं कि जल्दी ही पेट्रोल-डीजल की कीमतें घटायी जाने वाली हैं। सीधा तर्क यह है कि नाइमेक्स में कच्चे तेल की कीमतें 11 जुलाई 2008 को दर्ज 147.27 डॉलर प्रति बैरल के रिकॉर्ड से घट कर अब लगातार 40 डॉलर के नीचे चल रही हैं। डेढ़ महीने पहले 5 दिसंबर को सरकार ने पेट्रोल-डीजल की कीमतें घटाने का फैसला किया था। लेकिन अभी और कमी की गुंजाइश दिख रही है और कितनी कमी होगी, इसकी अटकलें लगातार मीडिया में आ रही हैं। पेट्रोल-डीजल की कीमतें घटाने से महँगाई दर और भी नरम हो जायेगी। इससे भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के लिए रेपो और रिवर्स रेपो दरों को फिर से घटाना आसान हो जायेगा। इनके घटने से बैंकों के लिए कर्ज सस्ता करना मुमकिन हो सकेगा। कर्ज सस्ता होने से उपभोक्ताओं को भी राहत मिलेगी और उद्योगों को भी। कुल मिलाकर पूरी अर्थव्यवस्था को इससे एक अच्छा सहारा मिलेगा, वह भी ऐसे मुश्किल वक्त में।

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