यह (अरविंद केजरीवाल का एफआईआर का फैसला) रिलायंस इंडस्ट्रीज (Reliance Industries) के बारे में नहीं है।
यह निजी उद्यमों को भेजा गया संदेश है कि सरकार आपको धमका भी सकती है और आपको बदनाम भी कर सकती है, वह भी बिना किसी प्रक्रिया और सबूत के। इस तरह की हरकतों से हमारी अर्थव्यवस्था नष्ट हो जायेगी। देश के नौजवानों को काम नहीं मिल सकेगा। मैं इस बारे में चिंतित हूँ। मैं इसी चिंता की वजह से अपने विचार व्यक्त कर रहा हूँ। इसमें कुछ भी व्यक्तिगत नहीं है। पक्षपाती पूँजीवाद (Crony Capitalism) खराब होता है। इसे समाप्त करने का एक ही तरीका है। वह है एक बेहतर सरकार का चुनाव जो अर्थव्यवस्था को सही राह पर आगे बढ़ाये, साथ ही ईमानदार भी हो। अभी तक ऐसी सरकार देखने को नहीं मिली है। (लोकप्रिय लेखक चेतन भगत ने माइक्रोब्लॉगिंग साइट ट्विटर पर ये टिप्पणियाँ की हैं) (शेयर मंथन, 11 फरवरी 2014)