आयकर विभाग (Income Tax Department) ने स्थाई खाता संख्या (पैन) के लिए मिलने वाले आवेदन फॉर्म में कई बदलाव किये हैं।
नये नियमों के अनुसार आवेदन में आवेदक के पिता-माता के अलग होने की स्थिति में पिता का नाम देने की अनिवार्यता समाप्त कर दी गयी है। आवेदक की माता के एकल अभिभावक होने की स्थिति में भी पैन कार्ड के लिए आवेदन करते समय पिता का नाम देना अनिवार्य नहीं होगा।
आगामी पाँच दिसंबर से लागू होने वाले इन बदलावों के तहत साल भर में 2.5 लाख रुपये से अधिक का कारोबार करने वाली सभी कंपनियों को पैन बनवाना जरूरी होगा। केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) की ओर से जारी परिपत्र (Circular) में कहा गया है कि अगले वित्त वर्ष में 31 मई से पहले सालाना 2.5 लाख रुपये से ऊपर के व्यापार पर पैन के लिए आवेदन किया जाना जरूरी है।
अधिसूचना के अनुसार प्रबंध निदेशक, निदेशक, साझेदार, ट्रस्टी, संस्थापक, मुख्य कार्यकारी अधिकारी या ऐसी संस्थाओं के पदाधिकारी जैसे व्यक्तियों के पास यदि पैन कार्ड नहीं है, तो उनको अगले वित्तीय वर्ष में 31 मई के पहले पैन कार्ड के लिए आवेदन करना चाहिए।
अब निवासी संस्थाओं को भी पैन नंबर हासिल करना होगा। चाहे उनका कुल कारोबार एक वित्त वर्ष में 5 लाख रुपये से अधिक न भी हो। (शेयर मंथन, 23 नवंबर 2018)