गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (GST) लागू होने के बाद एक औसत भारतीय परिवार को अनाज, खाद्य तेल और सौंदर्य प्रसाधन समेत रोजमर्रा की जरूरतों के अन्य सामानों की 8,400 रुपये की मासिक खरीद पर टैक्स में औसतन 320 रुपये तक की बचत हो रही है।
वित्त मंत्रालय के एक सूत्र ने उपभोक्ता खर्च आँकड़ों के विश्लेषण का हवाला देते हुए यह बात कही है।
सरकार ने एक जुलाई 2017 को जीएसटी लागू किया था, जिसके बाद बिक्री कर या वैट और उत्पाद शुल्क जैसे 17 अलग-अलग केंद्रीय और राज्य कर जीएसटी में समायोजित किए गये थे। जीएसटी ने वस्तुओं और सेवाओं पर एक ही टैक्स रेट लागू करके भारत को न सिर्फ एक कर दर वाला बाजार बनाया, बल्कि पिछली व्यवस्था में मौजूद टैक्स-पर-टैक्स की समस्या को भी खत्म कर दिया है।
सूत्र ने कहा कि रोजमर्रा के इस्तेमाल की वस्तुओं और सेवाओं पर टैक्स को कम रखा गया है, जिससे उपभोक्ताओं के मासिक खर्च में बचत हो रही है। जीएसटी लागू होने से पहले और बाद के परिवार खर्च का विश्लेषण दिखाता है कि खाद्य एवं पेय पदार्थ समेत हेयर ऑयल, टूथपेस्ट, साबुन, वॉशिंग पाउडर और जूते-चप्पल समेत 83 वस्तुओं पर टैक्स की दरें घटी हैं।
जानें- किस तरह से लगाया हिसाब
यदि एक परिवार जीएसटी लागू होने के बाद 10 उत्पादों अनाज, खाद्य तेल, चीनी, चॉकलेट, नमकीन और मिठाई, कॉस्मेटिक्स वॉशिंग पाउडर, टाइल्स, फर्नीचर और दरी-कालीन जैसे कॉयर उत्पादों एवं अन्य घरेलू उत्पादों के मद में एक महीने में 8,400 रुपये खर्च करता है तो उसकी मासिक बचत 320 रुपये होगी। 8,400 रुपये की वस्तुओं पर जीएसटी के तहत 510 रुपये का कर बनता है, जबकि जीएसटी के पहले इस पर 830 रुपये का कर बनता था। इस लिहाज से ग्राहकों की 320 रुपये की बचत होगी। (शेयर मंथन, 17 दिसंबर 2018)