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आयकर विभाग ने अब तक जब्त की 6,900 करोड़ रुपये की बेनामी संपत्ति

आयकर विभाग ने एंटी-बेनामी लेनदेन कानून के तहत अपनी कार्रवाई में अब तक 6,900 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त की है।

एजेंसी ने मंगलवार को एक सार्वजनिक विज्ञापन जारी करके यह बताया है।
डीलिंग डेलीज में जारी किए गये संदेश में कहा गया है कि जो लोग बेनामी लेन-देन करते हैं, उन लोगों को "बहकाते और प्रेरित" करते हैं, जिनके नाम पर बेनामी संपत्ति (जो बेनामी संपत्ति खड़ी है) और लाभार्थी (जो धनराशि का भुगतान करते हैं) मुकदमा चलाने योग्य हैं। उन्हें 7 साल तक के कठोर कारावास का सामना करना पड़ सकता है। बेनामी संपत्ति पर उचित बाजार मूल्य का 25% तक जुर्माना भी देना होगा।
संदेश में कहा गया है कि आयकर विभाग ने 6,900 करोड़ रुपये से अधिक की बेनामी संपत्तियों को अब तक जब्त किया है।
संदेश में यह भी कहा गया है कि जो लोग कानून के तहत अधिकारियों को गलत जानकारी देते हैं - बेनामी संपत्ति लेनदेन अधिनियम, 2016-- का निषेध अभियोजन योग्य है और उन्हें बेनामी संपत्ति के उचित मूल्य का 10% तक का भुगतान करने के लिए उत्तरदायी होने के अलावा 5 साल तक की कैद हो सकती है।
संदेश में आगे कहा गया है कि हम हर कर्तव्यनिष्ठ नागरिक से आग्रह करते हैं कि वह इसे मिटाने में सरकार की मदद करें।
नये कानून के तहत कार्रवाई आई-टी अधिनियम, 1961 के अतिरिक्त होगी। बेनामी लेनदेन एक ऐसी व्यवस्था है, जिसमें एक संपत्ति (चल या अचल) को एक व्यक्ति (बेनामीदार) के नाम पर हस्तांतरित या उसके पास हस्तांतरित की जाती है, लेकिन वास्तव में इसका स्वामित्व किसी अन्य व्यक्ति (लाभकारी स्वामी) के पास होता है।
आयकर विभाग ने 1 नवंबर, 2016 से मोदी सरकार द्वारा लागू इस कानून के तहत कार्रवाई शुरू की। आई-टी विभाग देश में बेनामी विरोधी कानून को लागू करने वाला नोडल विभाग है। (शेयर मंथन, 29 जनवरी 2019)

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