चालू वित्त वर्ष में देश का निर्यात 2013-14 के 314 अरब अमेरिकी डॉलर के पिछले रिकॉर्ड को पार करने की उम्मीद है।
एक वरिष्ठ अधिकारी ने इस बात की जानकारी दी।
केंद्रीय वाणिज्य सचिव अनूप वधावन ने संवाददाताओं से कहा कि हमें पूरा विश्वास है कि इस साल, हम 2013-14 के अपने अपने पिछले रिकॉर्ड से आगे निकल जायेंगे। हम इस साल उस रिकॉर्ड से बड़ी आसानी से आगे निकल जायेंगे।
उन्होंने बताया कि पहले का रिकॉर्ड 314 अरब डॉलर का था।
उ्नहोंने कहा कि पहले का शिखर 314 अरब डॉलर का था। हम बड़ी आसानी से इससे आगे निकल जायेंगे। हम इस समय बहुत ही चुनौतीपूर्ण वैश्विक वातावरण में है। यह एक ऐसा वातावरण है, जहाँ पेट्रोलियम की कीमतें कम हो रही हैं और हमारे निर्यात का 15% पेट्रोलियम उत्पाद हैं। इसलिए इसके बावजूद, हम एक नया मुकाम हासिल करने जा रहे हैं।
उन्होंने कहा कि निर्यात, सामान्य रूप से, पिछले तीन वर्षों से लगातार बढ़ रहा है,
आप सभी को 2008-09 की मंदी के बारे में पता है, जब एक वित्तीय संकट उत्पन्न हुआ था, जिसका हमारे ऊपर बहुत बुरा असर हुआ। लेकिन फिर हम इससे उबर गए। हम 2013-14 में अपने निर्यात के एक चरम आँकड़े पर पहुँच गये।
उन्होंने कहा, "वास्तविक अर्थव्यवस्था प्रभावित हुई और आपने देखा, चीन जैसे देश और सभी पहली बार प्रभावित हो रहे हैं।
इसके बाद, पिछले तीन वर्षों से, देश का निर्यात बढ़ा है। वधावन ने कहा कि फार्मा, इंजीनियरिंग उत्पाद, पेट्रोलियम उत्पाद, रत्न और आभूषण, चमड़ा उत्पाद और यहां तक कि वस्त्र निर्यात में वृद्धि में योगदान देने वाले क्षेत्रों में से होंगे।
उन्होंने यह भी कहा कि चालू खाता घाटा नियंत्रण में है। निर्यात बढ़ रहा है और फिर पेट्रोलियम की कीमतें भी कुछ हद तक स्थिर हो गई हैं और हाल के महीनों में गिर रही हैं ... मुझे लगता है कि अर्थव्यवस्था अच्छी स्थिति में है।
उन्होंने कहा कि निर्यातकों की निर्यात रणनीति को सरकार सुन रही है और उनकी समस्याओं का समाधान कर रही है। उन्होंने उम्मीद जताई कि आईटी का निर्यात करीब 10% बढ़ेगा जो कई सालों से चलन में है।
एक प्रश्न के उत्तर में, उन्होंने कहा कि चीन और अमेरिका को देश का निर्यात अच्छा हो रहा है और दोनों देशों के बीच व्यापार के मुद्दों ने कुछ हद तक भारत के निर्यात संवर्धन में योगदान दिया है। (शेयर मंथन, 05 फरवरी 2019)