राजेश जैन, वीपी, एसएमसी ग्लोबल
आज सुबह भारतीय शेयर बाजारों में कारोबार की शुरुआत कमजोरी के रुख के साथ होने की संभावना है। यहाँ यह देखने वाली बात होगी कि निफ्टी में 2650-2700 के स्तर पर किस तरह का समर्थन आता है। यदि निफ्टी इन स्तरों को तोड़ देता है, तो बाजारों की हालत काफी खराब हो जायेगी।
वैसे मेरा मानना है कि अभी निफ्टी के इन स्तरों से नीचे जाने की उम्मीद कम है, क्योंकि जब भी बाजार ज्यादा गिर जाता है, तो उसके बाद बाजार में एक तेजी देखने को मिल रही है। ऐसे में फिलहाल 2650-2700 का समर्थन स्तर टूटता नहीं दिख रहा। रुपये के मूल्य में कमजोरी आती जा रही है। ऐसे में बाजार में बाहर से डॉलर आता नहीं दिख रहा है। अंतरिम बजट से लोगों ने काफी आशाएँ लगा रखी थीं, लेकिन बजट से उन्हें निराशा हाथ लगी। ऐसे में जिन लोगों ने खरीदारी सौदे कर रखे थे, उन्हें काट दिया। लेकिन हमारे शेयर बाजारों में कल की कमजोरी का मुख्य कारण था, डॉलर सूचकांक की तेजी।
कहने का तात्पर्य यह है कि कल बाजारों में बिकवाली मुख्यतः डॉलर सूचकांक की तेजी यानी रुपये के मूल्य में कमजोरी की वजह से आयी। अमेरिकी शेयर बाजारों में डॉव जोंस नवंबर के निचले स्तरों के काफी करीब चला गया है। असल में अमेरिकी अर्थव्यवस्था की हालत काफी खराब है, हालाँकि सरकार अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने की पूरी कोशिश कर रही है।