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लगातार तेरहवें दिन मेतास इन्फ्रा ने छुआ लोअर सर्किट

मेतास इन्फ्रा के शेयरों में गिरावट का सिलसिला जारी है और बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) में आज के कारोबार में भी इसने लोअर सर्किट छू लिया है। इस तरह यह अब तक लगातार तेरह कारोबारी सत्रों में लोअर सर्किट छू चुका है।  बीएसई में आज मंगलवार के कारोबार में मेतास इन्फ्रा के शेयर का भाव करीब 5% गिर कर 86.15 रुपये तक चला गया। मेतास इन्फ्रा के शेयरों के लोअर सर्किट छूने का यह सिलसिला 7 जनवरी 2009 से शुरू हुआ था।

सेल के लाभ में 56% की कमी

दिग्गज स्टील कंपनी सेल के लाभ में 56% की कमी आयी है। कंपनी का लाभ अक्टूबर-दिसंबर 2008 की तिमाही में 843.34 करोड़ रुपये रहा है, जबकि पिछले वर्ष 2007 की इसी तिमाही में यह लाभ 1934.66 करोड़ रुपये था। कंपनी ने 13% अंतरिम लाभांश भी घोषित किया है। कंपनी की आमदनी में भी कमी आयी है। साल 2008 की दिसंबर तिमाही में कंपनी को 9475.67 करोड़ रुपये की आय हुई, जबकि पिछले वर्ष 2007 की इसी तिमाही में कंपनी की आय 9847.64 करोड़ रुपये रही थी।

ब्लू स्टार के लाभ में 9% की गिरावट

कंज्यूमर ड्यूरेबल्स क्षेत्र की कंपनी ब्लू स्टार के लाभ में 9% की गिरावट आयी है। कंपनी का लाभ अक्टूबर-दिसंबर 2008 की तिमाही में 32.19 करोड़ रुपये रहा है, जबकि पिछले वर्ष 2007 की इसी तिमाही में यह लाभ 35.44 करोड़ रुपये था। हालांकि कंपनी की आमदनी में बढ़ोतरी हुई है। साल 2008 की दिसंबर तिमाही में कंपनी को 566.82 करोड़ रुपये की आय हुई, जबकि पिछले वर्ष 2007 की इसी तिमाही में कंपनी की आय 514.99 करोड़ रुपये रही थी।

ओरेकल फाइनेंशियल के लाभ में 79% की वृद्धि,शेयर में उछाल

ओरेकल फाइनेंशियल  के लाभ में 79% की बढ़ोतरी हुई है। कंपनी का लाभ अक्टूबर-दिसंबर 2008 की तिमाही में 198.37 करोड़ रुपये हो गया है, जबकि पिछले वर्ष 2007 की इसी तिमाही में यह 110.78 करोड़ रुपये था। बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) में आज दोपहर 1.55 बजे कंपनी का शेयर भाव 18.3% की बढ़त के साथ 579.15 रुपये पर था।

ब्याज दरों में कटौती की जा सकती थी- फिक्की

उद्योग संगठन फिक्की ने भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा आज घोषित की गयी मौद्रिक नीति पर निराशा व्यक्त की है। फिक्की ने कहा है कि इस स्थिति में ब्याज दरों में कटौती की जा सकती थी, जब आरबीआई स्वयं यह स्वीकार कर रही है कि मार्च तक महँगाई दर घट कर 3% तक आ जाने की संभावना है। फिक्की ने कहा है कि यदि इन स्थितियों में ब्याज दरों में कटौती की जाती, तो निश्चित तौर पर सरकार और आरबीआई द्वारा किये गये पिछले उपायों को और बल मिलता। उद्योग संगठन ने म्युचुअल फंडों और हाउसिंग फाइनेंस कंपनियों के लिए नकदी की सहायता को 30 मार्च 2009 से बढ़ा कर 30 सितंबर 2009 तक किये जाने का स्वागत किया है।

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