कर्ज बाजार को फिर से पटरी पर लाने के लिए वित्त विभाग और फेडरल रिजर्व द्वारा 800 अरब डॉलर की योजना की घोषणा के बाद अमेरिकी निवेशकों में उत्साह नजर आया और मंगलवार के कारोबार में डॉव जोंस 36 अंकों की बढ़त दर्ज करने में कामयाब रहा। लगातार तीसरे दिन डॉव जोंस में आयी मजबूती से यह संकेत मिलता है कि पिछले कई महीनों से खराब आंकड़ों से जूझ रहे निवेशकों का आत्मविश्वास कुछ हद तक जरूर लौटा है। लेकिन यह कहना थोड़ी जल्दबाजी होगी कि अमेरिकी बाजार अपने निचले स्तर देख चुके हैं और अब फिर से मजबूती का दौर आ सकता है। इतना जरूर कहा जा सकता है कि सरकार लगातार यह प्रयास कर रही है कि उधारी का बाजार फिर से अपने सामान्य हालात की ओर लौट आये।
भारतीय शेयर बाजार आज सुबह अच्छी बढ़त के साथ खुले। बीएसई सेंसेक्स ने 9,000 के मनोवैज्ञानिक स्तर को भी पार कर लिया। लेकिन मंगलवार को यूरोपीय शेयर बाजारों की कमजोर शुरुआत के बाद इसमें गिरावट बढ़ती गयी और कारोबारी दिन के अंत में यह लाल निशान पर बंद हुआ। मंगलवार को सेंसेक्स 207 अंक या 2.33% की कमजोरी के साथ 8,695 पर और एनएसई का निफ्टी 54 अंक या 2% की गिरावट के साथ 2,654 पर बंद हुआ। तेल और गैस, कंज्यूमर गुड्स, रियल्टी और बैंकिंग क्षेत्रों के सूचकांकों में 2% से अधिक की गिरावट रही। कंज्यूमर ड्यूरेबल्स क्षेत्र को छोड़कर सभी क्षेत्रों के सूचकांकों में गिरावट आयी।
विश्व बैंक ने अगले साल के लिए चीन के विकास दर के अपने अनुमान में कमी कर दी है। उसका कहना है कि वैश्विक आर्थिक संकट के बावजूद साल 2009 में चीन की अर्थव्यवस्था में 7.5% की दर से वृद्धि दर्ज की जायेगी। ध्यान रहे कि कुछ महीने पहले विश्व बैंक ने चीन की अर्थव्यवस्था के 9.2% की दर से बढ़ने का अनुमान लगाया था। बैंक ने इस साल के चीन के विकास दर के अनुमान को भी 9.8% से घटा कर 9.4% कर दिया है। बैंक का मानना है कि अमेरिका, जापान और यूरोप की अर्थव्यवस्थाओं में आयी मंदी का असर निश्चित तौर पर चीन पर पड़ेगा। विश्लेषकों के विचार में यदि विश्व भर में लोगों की क्रय शक्ति पर असर पड़ेगा, तो निश्चय ही इन देशों में चीन द्वारा निर्यात की गयी वस्तुओं को खरीदने वालों की संख्या में कमी आयेगी।
सोमवार को यूरोपीय और अमेरिकी बाजारों में भारी उछाल दर्ज किये जाने के बाद मंगलवार को एशियाई शेयर बाजारों में मजबूती देखी गयी, हालांकि चीन के शंघाई कंपोजिट सूचकांक में हल्की कमजोरी रही। जापान के निक्केई सूचकांक में 5.22% की बढ़त रही। हांगकांग के हैंग सेंग सूचकांक में 3.38% की मजबूती दर्ज की गयी। ताइवान वेटेड सूचकांक में 2.55% की बढ़त रही, जबकि दक्षिण कोरिया के शेयर बाजार का सूचकांक कॉस्पी 1.36% चढ़ने के बाद बंद हुआ। सिंगापुर के स्ट्रेट टाइम्स सूचकांक में 1.23% की मजबूती दर्ज की गयी। जकार्ता कंपोजिट में 1.12% की बढ़त देखी गयी।उधर यूरोपीय बाजारों में मंगलवार के कारोबार की शुरुआत गिरावट के साथ हुई है।
केएसऑयल्स ने बीएसई को भेजे गये एक प्रेस विज्ञप्ति में सूचित किया है कि उसने हल्दिया में 1.5 अरब रुपये में एंबो एग्रो प्रोडक्ट्स की एडिबल ऑयल रिफाइनरी (परिशोधनशाला) को खरीदने का निर्णय किया है। इस खबर के आने के बाद आज केएस ऑयल्स के शेयरों में बढ़त का रुख है। बीएसई में 12.50 बजे केएस ऑयल्स के शेयरों में 4.96% की तेजी है।