सरकार का साथ बस इतना
राजीव रंजन झा
केंद्र सरकार ने अपने आर्थिक पैकेज की दूसरी किश्त का ऐलान कर दिया है और साथ ही कह दिया है कि अब हमसे मार्च तक कोई उम्मीद न रखें। व्यावहारिक रूप से इसका मतलब यह है कि अब मौजूदा सरकार से कोई उम्मीद न रखें, क्योंकि मार्च पूरा होने के बाद सरकार चुनावी आचार संहिता की डोरी में बँधी रहेगी। हालाँकि आरबीआई की ओर ब्याज दरों में कटौती की गुंजाइश बाकी बची रहेगी। लेकिन वास्तव में अब अगले कुछ महीनों तक आरबीआई की ओर से दरों में कोई बड़ी कमी किये जाने की उम्मीद करना बेमानी है। जैसा कि कुछ ब्रोकिंग फर्मों ने आर्थिक पैकेज और ब्याज दरों में कटौती पर जारी अपनी रिपोर्टों में कहा है, आरबीआई की ओर से दरों में कटौती का मौजूदा चक्र पूरा हो गया लगता है।