शेयर मंथन में खोजें

फेडरल बैंक में बने रहें: सेंट्रम

मौजूदा भाव – 158 रुपये
लक्ष्य भाव - 180 रुपये

सेंट्रम ब्रोकिंग फर्म ने फेडरल बैंक के शेयरों में बने रहने की  सलाह दी है। ब्रोकिंग फर्म ने इस बैंक के शेयरों का लक्ष्य भाव 180 रुपये निर्धारित किया है। फर्म ने अपनी रिपोर्ट में माना है कि बैंक का शुद्ध ब्याज मार्जिन (एनआईएम) स्थिर है और इसकी संरचना की लागत भी कम है। 

नहीं थम रहा सत्यम के गिरने का सिलसिला

सत्यम कंप्यूटर्स का बुरा वक्त जैसे खत्म होने का नाम ही नहीं ले रहा है। विश्व बैंक द्वारा सत्यम कंप्यूटर्स के साथ अगले आठ सालों तक कोई कारोबारी संबंध न रखने की घोषणा की खबर आने के बाद आज इसके शेयरों में भारी गिरावट दिख रही है। कल के कारोबार में भी इसके शेयर भाव में 13.5% की कमजोरी आयी थी।

भारतीय शेयर बाजारों में कमजोरी जारी

12.15: कमजोर वैश्विक संकेतों के मद्देनजर भारतीय शेयर बाजारों में बुधवार के कारोबार की शुरुआत गिरावट के साथ हुई। इस समय सेंसेक्स 86 अंकों की कमजोरी के साथ 9,601 पर है। निफ्टी में 30 अंकों की गिरावट है और यह 2,939 पर है। बीएसई स्मॉलकैप और सीएनएक्स मिडकैप में 1% से अधिक कमजोरी है। बीएसई बैंकिंग सूचकांक को छोड़ कर शेष सभी क्षेत्रवार सूचकांक लाल निशान में दिख रहे हैं। बीएसई रियल्टी सूचकांक में 5% से अधिक गिरावट है। सत्यम कंप्यूटर्स में 15% से अधिक की कमजोरी है।

टाटा मोटर्स के लिए जेएलआर को अलग करना अच्छा: सेंट्रम

सेंट्रम ब्रोकिंग फर्म ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि इस समय टाटा मोटर्स के लिए जगुआर लैंडरोवर (जेएलआर) को अलग करना ही अच्छा रहेगा। फर्म का मानना है कि जेएलआर का अधिग्रहण टाटा मोटर्स को काफी महँगा पड़ रहा है, ऐसी हालत में इसके लिए बेहतर यही है कि यह जेएलआर को अलग कर टाटा समूह की किसी और कंपनी को स्थानांतरित कर दे।

किस्सा-ए-पिरामिड : असली गोली, नकली बंदूक

 राजीव रंजन झा 

किसी और के कंधे पर बंदूक रख कर गोली चलाने की कहावत काफी पुरानी है, शायद उतनी ही, जितनी पुरानी बंदूकें हैं। लेकिन इस कहावत की ताजा मिसाल है पिरामिड साईमीरा को मिली सेबी की नकली चिट्ठी। इसमें कंधा तो बिजनेस स्टैंडर्ड का था, लेकिन गोली किसने चलायी यह पता चलना अभी बाकी है। 

बिजनेस स्टैंडर्ड ने एक गलत खबर के लिए अपने पाठकों, सेबी और पिरामिड साईमीरा से माफी मांग ली है। शायद माफी मांगने की जरूरत नहीं थी, क्योंकि उसने अपनी सफाई में खुद कहा है कि वह एक धोखाधड़ी का शिकार हो गया। लेकिन फिर भी यह माफी मांग कर बिजनेस स्टैंडर्ड ने अपनी जिम्मेदारी निभायी। इसने एक और अच्छा काम यह किया है कि इस चिट्ठी का अपना स्रोत पाठकों को बता दिया है। बिजनेस स्टैंडर्ड के मुताबिक खांडवाला सिक्योरिटीज के अशोक जैनानी ने उसके संवाददाता को सेबी की यह नकली चिट्ठी ईमेल की थी।

कंपनियों की सुर्खियाँ

निवेश मंथन पत्रिका

देश मंथन के आलेख