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आरबीआई (RBI) ने सँभाल दिया बाजार, अब फेडरल रिजर्व पर नजर

राजीव रंजन झा : भारत का शेयर बाजार आरबीआई (RBI) और अमेरिकी फेडरल रिजर्व से जिन दो खास खबरों का इंतजार कर रहा था, उनमें से एक ने उसे बखूबी सकारात्मक ढंग से चौंकाया है।
बाजार में लगभग आम राय थी कि हाल में जिस तरह से उपभोक्ता महँगाई दर (CPI) के आँकड़े काफी बढ़ कर आये और उसके बाद थोक महँगाई दर (WPI) में भी बढ़ोतरी हुई, उसके मद्देनजर रघुराम राजन एक बार फिर से आरबीआई की नीतिगत ब्याज दरों में वृद्धि करने के लिए विवश होंगे। ज्यादातर लोगों का मानना था कि आरबीआई अपनी रेपो दर में 0.25% अंक (25 बीपीएस) की वृद्धि करेगा और कुछ लोग तो मान रहे थे कि यह वृद्धि 0.50% अंक (50 बीपीएस) की भी हो सकती है।
लेकिन राजन ने केवल कुछ कड़ी टिप्पणियाँ करके संतोष किया और इस बार ब्याज दरों में कोई वृद्धि नहीं की। उन्होंने रेपो दर और रिवर्स रेपो दर को जस का तस छोड़ दिया। आरबीआई गवर्नर ने साफ तौर पर कहा है कि मौजूदा महँगाई दर काफी ऊँची है, लेकिन इसे लेकर अभी काफी अनिश्चितता है। लिहाजा वे इस पर कुछ इंतजार करेंगे, लेकिन सतर्क रहेंगे। अगर खाद्य महँगाई में कमी नहीं आयी और इसके चलते महँगाई दर में कमी नहीं आयी तो रिजर्व बैंक अगली नीतिगत समीक्षा से पहले भी कदम उठा सकता है।
शेयर बाजार ने आरबीआई के इस फैसले से बड़ी राहत महसूस की है। यह फैसला आने से ठीक पहले करीब 11 बजे निफ्टी 6170 के पास घूम रहा था, जो यह खबर आते ही एकदम ही उछल कर 6236 तक चला गया। इससे पहले सुबह में निफ्टी ने 6130 का निचला स्तर भी देखा था, जो पिछले दिन मंगलवार के निचले स्तर 6133 के पास ही था। इस तरह आज के कारोबार में अब तक 100 अंक से ज्यादा का उतार-चढ़ाव दिख चुका है।
यह अपने-आप में दिलचस्प है कि निफ्टी ने सोमवार के बेहद छोटे दायरे में सिमटे कारोबार के बाद कल मंगलवार को कुछ ज्यादा बड़ा दायरा बनाया और आज का दायरा कल से भी कुछ बड़ा है। यह इस बात का संकेत हो सकता है कि बाजार किसी नयी बड़ी चाल के लिए खुद को तैयार कर रहा है। यह नयी चाल अब फेडरल रिजर्व के फैसले के बाद आ सकती है।
आरबीआई की महत्वपूर्ण नीतिगत समीक्षा से पहले बाजार बिल्कुल अपने खास समर्थन स्तर 6140 पर आ कर बैठ गया था - एक तरह से दहलीज पर। यह कह रहा था कि घोषणा पसंद आयी तो यहीं से सँभलने के लिए तैयार हूँ, वरना टूटने के लिए भी तैयार! आरबीआई ने तो बाजार को सँभाल दिया, मगर अब फेडरल रिजर्व की एफओएमसी बैठक पर नजर जमेगी। Rajeev Ranjan Jha 
(शेयर मंथन, 18 दिसंबर 2013)

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