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शेयर बाजार में नया रिकॉर्ड, मगर नयी चाल पर शक?

राजीव रंजन झा : कारोबारियों के लिए इस समय भारतीय शेयर बाजार में अपनी रणनीति बनाना आसान नहीं लग रहा।

बाजार पहले ही काफी चढ़ चुका है, इसलिए इन स्तरों पर नयी खरीदारी करने में स्वाभाविक रूप से जोखिम दिखता है। पिछले कुछ दिनों से बाजार की चाल कुछ अटकी है, इसलिए यह जोखिम और भी स्पष्ट है। लेकिन बाजार में कोई बड़ी मुनाफावसूली भी नहीं उभर रही। इन ऊपरी स्तरों पर टिके रहना और एक बेहद छोटे दायरे में समय गुजारना इस बात का संकेत है कि तेजड़िये अपनी पकड़ ढीली नहीं होने दे रहे।

लेकिन इस सोमवार को बाजार ने बीते डेढ़-दो हफ्तों का दायरा तोड़ कर नया रिकॉर्ड स्तर बनाया और बंद स्तर का भी नया रिकॉर्ड बनाया। सेंसेक्स ने तेजी के तीन शतक लगा दिये। इसके बावजूद बाजार में नयी चाल मंगलवार को नजर नहीं आयी। भले ही मंगलवार को सेंसेक्स ने 22,080 और निफ्टी ने 6596 के नये रिकॉर्ड बना दिये, मगर बाजार एक बेहद छोटे दायरे मेँ अटका रह गया।

इसका एक खास कारण रिलायंस इंडस्ट्रीज के शेयर पर बना दबाव माना जा सकता है।  लेकिन अगर रिलायंस पर यह दबाव नहीं भी होता, अगर रिलायंस में कमजोरी के चलते सेंसेक्स के नुकसान को हटा कर भी देखें तो सेंसेक्स बमुश्किल 50-55 अंक की बढ़त पर होता। इसे भी एक दायरे का ही कारोबार माना जाता, भले ही हल्के सकारात्मक रुझान के साथ।

मैंने 22 मार्च को राग बाजारी में जिक्र किया था कि सेंसेक्स की अक्टूबर 2013 से अब तक की चाल एक रुझान पट्टी (ट्रेंड चैनल) बना रही है।(देखेंhttp://www.sharemanthan.in/index.php/rag-bazaari/29787-rajeevranjanjhacoloumn-20140322सेंसेक्स का मौजूदा स्तर इस इस पट्टी की ऊपरी रेखा के पास ही है, जो 3 नवंबर 2013 के शिखर 21,322 से ले कर अब तक के ऊपरी स्तरों को मिलाती है। यही स्थिति निफ्टी में भी है। यह कहना ज्यादा दुरुस्त होगा कि 10 मार्च से ही सेंसेक्स और निफ्टी इस पट्टी की ऊपरी रेखा के पास अटक रहे हैं। इस रुझान पट्टी की निचली रेखा 1 अक्टूबर 2013 की तलहटी 19,265 और 4 फरवरी 2014 की तलहटी 19,963 को मिलाती है।

सोमवार को जब बाजार ने उछाल दर्ज की थी तो बाजार में यह राय बनी कि इसने बीते दो हफ्तों से चले आ रहे दायरे को ऊपर की ओर तोड़ा है। यह बात एक लिहाज से ठीक थी, क्योंकि 7 मार्च के बाद से ही निफ्टी 6432-6575 के दायरे के अंदर चल रहा था। सोमवार को निफ्टी 6575 के ऊपर जा कर न केवल नया रिकॉर्ड स्तर बनाने में सफल रहा था, बल्कि मजबूती के साथ 6575 के ऊपर बंद भी हुआ था। मगर हम जैसे ही अक्टूबर-नवंबर 2013 से अब तक की पट्टी को देखते हैं तो साफ हो जाता है कि बाजार विश्लेषकों ने नयी चाल का जयकारा लगाने में थोड़ी जल्दबाजी की। अभी इस पट्टी से बाहर निकल कर ऊपरी चाल पकड़ने का साफ संकेत नहीं दिख रहा है।

अगर ऐसी ऊपरी चाल बनी तो निश्चित रूप से हमें फिर से नये रिकॉर्ड स्तर बनते दिखेंगे। निफ्टी के लिए 6700 का लक्ष्य अब ज्यादा दूर नहीं है। जिस रफ्तार से विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) की खरीदारी चल रही है, उसके मद्देनजर अब निफ्टी के लिए 7,000 तक चले जाने में भी कोई हैरानी नहीं होनी चाहिए। कल भले ही सेंसेक्स और निफ्टी सपाट रहे, लेकिन एफआईआई की ओर से नकद श्रेणी में 1,223 करोड़ रुपये की शुद्ध खरीदारी हुई।

इस माहौल में बिकवाली की बात तो जाने दें, विश्लेषक मुनाफावसूली की बात कहने में भी हिचक रहे हैं। लेकिन यह ध्यान रखने की जरूरत है कि बाजार हाल की तलहटियों से काफी ऊपर आ चुका है। कोई भी नकारात्मक खबर बाजार में तीखी मुनाफावसूली की शुरुआत कर सकती है। कोई ऐसी खबर अभी न भी आये और केवल एफआईआई खरीदारी सुस्त पड़ जाये तो भी ऐसा हो सकता है।

इसलिए यहाँ कुछ अतिरिक्त सावधानी बरतने की जरूरत लगती है। मोटे तौर पर निफ्टी के लिए 6500 के स्तर पर नजर रखी जा सकती है। अगर यह इसके नीचे जाये तो बाजार की चाल बिगड़ सकती है। इसके नीचे 6470 और फिर 6430 के पास सहारा मिलने की गुंजाइश रहेगी, लेकिन अगर 6430 भी टूटा तो बड़ी मुनाफावसूली का रास्ता खुलेगा।

लेकिन हाँ, अगर यह 6600 के ऊपर निकले और मजबूती से टिके तो बाजार की चाल के साथ बने रहने में ही समझदारी होगी। म्युजिक चालू आहे, पार्टी जारी है। Rajeev Ranjan Jha

(शेयर मंथन, 26 मार्च 2014)

 

 

 

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