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FY 2025-26 Q1: मिलेजुले रहे इंफोसिस के नतीजे, आय और एबिटा सुधरा तो मुनाफा थोड़ा घटा

इंफोसिस के पहली तिमाही वित्त वर्ष 2025-26 नतीजे मिले-जुले रहे। जहाँ कंपनी की आय और एबिटा में सुधार दिखा, वहीं मुनाफा थोड़ा घटा है। सबसे दिलचस्प बात ये रही कि इंफोसिस ने अपने वित्त वर्ष 2025-26 के रेवेन्यू ग्रोथ गाइडेंस का निचला स्तर थोड़ा बढ़ाया है, जो बाजार को कुछ हद तक राहत देने वाला संकेत है।

पहली तिमाही में क्या हुआ?

अप्रैल-जून तिमाही में इंफोसिस की डॉलर बेस्ड आय 4.5% बढ़कर 494.1 करोड़ रुपये रही। रुपये में आय 40,925 करोड़ रुपये से बढ़कर 42,279 करोड़ रुपये हो गई, यानी तिमाही-दर-तिमाही 3.3% की बढ़त। कंपनी का एबिटा 8,575 करोड़ रुपये से बढ़कर 8,803 करोड़ रुपये हुआ, लेकिन एबिटा मार्जिन 21% से घटकर 20.8%आ गया। मतलब ऑपरेशनल मार्जिन में हल्की गिरावट आई है। हालाँकि, नेट प्रॉफिट 7,033 करोड़ रुपये से घटकर 6,921 करोड़ रुपये हुआ, जो तिमाही-दर-तिमाही करीब 1.6% की गिरावट है।

डील्स की स्थिति

इंफोसिस ने पहली तिमाही में 380 करोड़ रुपये के बड़े सौदे साइन किए हैं। ये आँकड़ा थोड़ा कमजोर माना जा सकता है, खासकर तब जब आईटी सेक्टर कड़े कॉम्पिटीशन और खर्च में कटौती की स्थिति से गुजर रहा है।

वित्त वर्ष 2025-26 का आउटलुक: हल्का सकारात्मक

कंपनी ने वित्त वर्ष 2025-26 के लिए सीसी यानी कांस्टेंट करेंसी रेवेन्यू ग्रोथ गाइडेंस का निचला बैंड 0% से बढ़ाकर 1% कर दिया है। गाइडेंस अब 1-3% की रेंज में है, जो पिछली 0-3% रेंज के मुकाबले थोड़ा ज्यादा भरोसा दिखाता है। वहीं, एबिट मार्जिन गाइडेंस 20-22% पर बरकरार रखा गया है।

क्या संकेत मिलते हैं इन आंकड़ों से?

इंफोसिस ने खर्च और डिलिवरी ऑप्टिमाइजेशन पर ध्यान देकर मार्जिन को संभालने की कोशिश की है। रेवेन्यू में बढ़त और एबिटा में सुधार इसके संकेत हैं। हालाँकि, मुनाफे में गिरावट और लार्ज डील टीसीवी का तुलनात्मक रूप से कमजोर रहना थोड़ी चिंता का विषय है। गाइडेंस में मामूली सुधार इस बात का इशारा है कि कंपनी को आने वाले क्वार्टर में डिमांड थोड़ी बेहतर लग रही है लेकिन कोई तेज रिकवरी अभी भी दूर है।

(शेयर मंथन, 24 जुलाई 2025)

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