किस्सा-ए-पिरामिड : असली गोली, नकली बंदूक
राजीव रंजन झा
किसी और के कंधे पर बंदूक रख कर गोली चलाने की कहावत काफी पुरानी है, शायद उतनी ही, जितनी पुरानी बंदूकें हैं। लेकिन इस कहावत की ताजा मिसाल है पिरामिड साईमीरा को मिली सेबी की नकली चिट्ठी। इसमें कंधा तो बिजनेस स्टैंडर्ड का था, लेकिन गोली किसने चलायी यह पता चलना अभी बाकी है।
बिजनेस स्टैंडर्ड ने एक गलत खबर के लिए अपने पाठकों, सेबी और पिरामिड साईमीरा से माफी मांग ली है। शायद माफी मांगने की जरूरत नहीं थी, क्योंकि उसने अपनी सफाई में खुद कहा है कि वह एक धोखाधड़ी का शिकार हो गया। लेकिन फिर भी यह माफी मांग कर बिजनेस स्टैंडर्ड ने अपनी जिम्मेदारी निभायी। इसने एक और अच्छा काम यह किया है कि इस चिट्ठी का अपना स्रोत पाठकों को बता दिया है। बिजनेस स्टैंडर्ड के मुताबिक खांडवाला सिक्योरिटीज के अशोक जैनानी ने उसके संवाददाता को सेबी की यह नकली चिट्ठी ईमेल की थी।