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डॉलर को कमजोर कर अमेरिका का व्यापार घाटा नियंत्रित तो नहीं करना चाहते ट्रंप?

दिन बीतने के साथ साथ रुपया मजबूत और डॉलर कमजोर हो रहा है। 6 मुद्राओं (स्विस फ्रैंक, यूरो, जापानी येन, ब्रिटिश पाउंड, कैनेडा का डॉलर, और स्वीडेन का क्रोना) वाला डॉलर सूचकांक 100 के स्तर के नीचे फिसल कर 3 साल के निचले स्तरों पर पहुँच गया है, जबकि इसी साल 13 जनवरी को ये 110 तक पहुँच गया था। लेकिन तब से जो गिरावट शुरू हुई है वो थमने का नाम नहीं ले रही।

कमाई के इन जरियों पर नहीं लगता है टैक्स, आप भी उठा सकते हैं फायदा

अगर आपकी कमाई टैक्स छूट के दायरे से बाहर है तो आपको उस पर एक निश्चित टैक्स देना पड़ता है। टैक्स पर कई तरह से छूट का प्रावधान भी है, जिसके जरिये आप अपने कुछ पैसे बचा सकते हैं। ऐसे में अगर आप भी इनकम टैक्स बचाने का सोच रहे हैं तो यह जानना जरूरी है कि कमाई के कुछ ऐसे भी साधन होते हैं जिन पर आपको एक पैसा टैक्स नहीं देना होता है। उदाहरण के लिए, कृषि से होने वाली आय से लेकर गिफ्ट आदि पर कोई टैक्स नहीं लगता है।

रेल यात्रियों के लिए अच्छी खबर, अब इस चलती ट्रेन में यूज कर सकेंगे एटीएम

ट्रेन में सफर करने के दौरान अक्सर कैश की समस्या से दो-चार होना पड़ता है। डिजिटल दौर में अक्सर लोग अपने पास कैश कम रखते हैं। ऐसे में उन्‍हें छोटे-छोटे सामान खरीदने के लिए परेशानियों का सामना करना पड़ता है। ट्रेन में खाने-पीने से लेकर कोई अन्‍य चीज खरीदने के लिए कैश का ज्यादा चलन है। ऐसे में भारतीय रेलवे ने इससे निजात पाने के लिए ट्रेनों में अब एटीएम मशीन लगायी जाने लगी है। समझा जा रहा है कि इस नये प्रयोग से कैश की समस्या ट्रेनों में खत्म हो सकती है।

मैक्वेरी की सूची में शामिल शेयर बाजार के ये नगीने दिलायेंगे मोटा मुनाफा, क्या आपके पास हैं?

शेयर बाजार गोते खा रहा है। कभी-कभी राहत की फुहार जैसी तेजी आती है, लेकिन ये टिकती नहीं है। इस भँवर में फँसे निवेशक के सामने महत्वपूर्ण सवाल ये उठता है कि वह कहाँ निवेश करे? हाल-फिलहाल में इस सवाल का सीधा जवाब शायद ही किसी के पास हो, लेकिन ब्रोकिंग फर्म मैक्वेरी ने अपने चुनिंदा शेयरों की फेहरिस्त जारी कर की है। इस लिस्ट में मैक्वेरी ने अपने हिसाब से भारतीय शेयर बाजार के कुछ नगीने चुनें हैं जो आपको मुनाफा दिलवाने का माद्दा रखते हैं।

Repo Rate Cut: आरबीआई ने अपनाया उदार रुख, नीतिगत दरों में आगे कटौती का रास्ता भी खोला

भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के गवर्नर संजय मलहोत्रा केंद्रीय बैंक का पदभार सँभालने के बाद से ही देश को संभावित जियोपॉलिटिकल खतरों से बचाने की कोशिश में लगे हुए हैं। आरबीआई ने लागातार दूसरी बार ब्याज दरों में 0.25% की कटौती की है। अब रेपो रेट 6.25% से घटकर 6% हो गई है। इसके अलावा, आरबाआई ने अपना रुख तटस्थ से बदलकर उदार करने का फैसला किया। हालाँकि, इस बार बाजार दरों कटौती की उम्मीद कर रहा था। कयास लगाये जा रहे हैं कि दरें घटी हैं तो लोन की ईएमआई भी घटेगी।

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