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आरबीआई देश के आर्थिक विकास को गति देने के लिए प्रतिबद्ध : डीके श्रीवास्तव

भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा हाल ही में रेपो दर में लगातार दूसरी बार 25 आधार अंकों की कटौती करने का फैसला और नीतिगत रुख में बदलाव कर उदार रुख अपनाया है। ईवाई इंडिया के चीफ पॉलिसी एडवाइजर डीके श्रीवास्तव ने आरबीआई के मौद्रिक नीति घोषणाओं पर कहा कि आरबीआई द्वारा लगातार दूसरी बार नीतिगत दरों में 25 आधार अंकों की कटौती और रुख में बदलाव कर इसे उदार बनाना भारत की जीडीपी वृद्धि की संभावनाओं की रक्षा करने की उसकी इच्छा को दर्शाता है, जिससे वह सुनिश्चित करना चाहता है कि वैश्विक टैरिफ उथल-पुथल के बावजूद ये 6.5% से नीचे न गिरे। आरबीआई मानता है कि वैश्विक अनिश्चितताओं का भारत की विकास संभावनाओं पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा। 

रेपो दर में कटौती और मौद्रिक नीति रुख उदार करना स्वागत योग्य कदम : संजय अग्रवाल

भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) आज घोषित अपनी मौद्रित नीति में रेपो दर में 0.25% की कटौती की है। एयू स्मॉल फाइनेंस बैंक के एमडी एवं सीईओ संजय अग्रवाल ने आरबीआई के रेपो दर में 25 आधार अंकों की कटौती की घोषणा और मौद्रिक नीति रुख को तटस्थ से उदार में बदलने को स्वागत योग्य कदम कहा है।

वित्त वर्ष 2025-26 की पहली मौद्रित नीति घोषित, आरबीआई ने घटायी रेपो दर

भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने बुधवार (09 अप्रैल) को वित्त वर्ष 2025-26 की पहली मौद्रिक नीति की घोषणा कर दी है। केंद्रीय बैंक ने इसमें रेपो दर में 0.25% (25 आधार अंकों) की कटौती का ऐलान किया है। इसके बाद नयी रेपो दर 6% हो गयी है। रेपो दर वह दर है जिस पर बैंक आरबीआई से कर्ज लेते हैं।

डीएल से जुड़ी इन गलतियों के कारण कट सकता है भारी चालान, इन बातों का रखें ध्यान

ट्रैफिक नियमों के अनुसार, कोई भी दोपहिया या चार पहिया वाहन चलाते वक्त आपके पास ड्राइविंग लाइसेंस होना जरूरी है। बिना लाइसेंस के गाड़ी चलाते पकड़े जाने पर मोटा जुर्माना देना पड़ सकता है, जाे 5000 रुपये तक होती है। मोटर व्हीकल एक्ट में बदलाव करते हुये सरकार ने 500 रुपये के जुर्माने को बढ़ाकर 5000 रुपया कर दिया था। लेकिन ड्राइविंग लाइसेंस से संबंधित अन्य गलतियाँ भी आपकी जेब को ढीली कर सकती हैं।

अमेरिकी शुल्क से सबसे ज्यादा असर होगा डेयरी-बेकरी और समुद्री उत्पादों के निर्यात पर

अमेरिका की नयी नीति के तहत भारत के सामानों के आयात पर 26% का भारी-भरकम शुल्क लगा है। उद्योग संगठन फिक्की के अनुसार इससे भारतीय निर्यात को कहीं फायदा और कहीं नुकसान हो सकता है।

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