शेयर मंथन में खोजें

रियल्टी क्षेत्र के शेयर लढ़के

आज अंतरिम बजट पेश होने के बाद रियल्टी क्षेत्र के शेयरों में गिरावट का रुख है। बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) में आज के कारोबार में दोपहर 1.46 बजे रियल्टी सूचकांक में 4% की कमजोरी है। इस क्षेत्र में सबसे ज्यादा कमजोरी इंडियाबुल्स रियल के शेयर भाव में है, जो 7.9% की गिरावट के साथ 100.50 पर है। यूनिटेक में 5.6% अंसल इन्फ्रा में 5%, एचडीआईएल में 4.6%, डीएलएफ में 3.9% और ऑर्बिट कॉर्पोरेशन में 1.8% की कमजोरी है। 

सरकारी घाटे को नजरअंदाज करना बेवकूफी: कवि

इस अंतरिम बजट में सरकारी खजाने का घाटा (फिस्कल डेफिसिट) बढ़ कर 6% होने के अनुमान ने कई बाजार विश्लेषकों की चिंता को बढ़ा दिया है। मल्टीपल एक्स कैपिटल के सीईओ कवि कुमार का कहना है कि यह चेतावनी की घंटी है, क्योंकि इसमें अगर राज्य सरकारों के घाटे को भी मिला दें, तो कुल मिला कर जीडीपी के 11-12% के बराबर घाटा होता है। उनके मुताबिक यह ज्यादा चिंता की बात इसलिए है कि केवल सितंबर के बाद से धीमापन आने का इतना तीखा असर दिख रहा है।

अंतरिम बजट ने चिंताएँ बढ़ायीं, दिया कुछ खास नहीं

pranab mukherjeeअंतरिम बजट 2009-10 ने उद्योग जगत और शेयर बाजार को निराश किया है। हालाँकि यह अंतरिम बजट था जिसमें आम तौर पर बड़ी घोषणाएँ नहीं की जाती हैं, लेकिन मौजूदा आर्थिक संकट को देखते हुए सरकार से एक राहत योजना की उम्मीद की जा रही थी। लेकिन इस अंतरिम बजट में ऐसा कोई बड़ा कदम नहीं उठाया गया, जिससे अर्थव्यवस्था को बड़ा सहारा मिलने की उम्मीद लगायी जा सके। अब उद्योग जगत इस बात से चिंतित है कि चुनावी दौर शुरू होने की वजह से अगले 3-4 महीनों तक केंद्र सरकार से कोई नीतिगत मदद नहीं मिल सकेगी।

हल्की उम्मीदें बजट से

राजीव रंजन झा

इस अंतरिम बजट से शेयर बाजार की उम्मीदें हाल के दिनों में घटती-बढ़ती रही हैं। पहले बाजार ने सोचा कि अंतरिम बजट है, इससे क्या उम्मीदें लगायें! फिर ध्यान में आया कि इसके ठीक बाद चुनाव होने हैं, इसलिए सरकार कुछ लॉलीपॉप बाँटने का लालच नहीं छोड़ पायेगी। इसलिए कुछ-न-कुछ फायदा तो मिलेगा ही। फिर उम्मीदें बढ़ने लगीं और धीरे-धीरे लोग उतनी ही दमदार उम्मीदें बाँधने लगे, जितनी उम्मीदें आम बजट से करते हैं।

अंतरिम बजट के बाद मुनाफावसूली संभव

Deven Chokseyदेवेन चोकसी, एमडी, केआर चोकसी सिक्योरिटीज

आज के अंतरिम बजट से बाजार पर ज्यादा असर होने की उम्मीद नहीं है। ऐसा लग रहा है कि शायद सरकार इस अंतरिम बजट में कुछ खास नहीं करने जा रही है। इसका कारण यह है कि इस समय पूर्णकालिक वित्त मंत्री नहीं हैं और वैसे भी अंतरिम बजट में ज्यादा बड़े फैसले लेने पर हंगामा हो सकता है। बजट वैसे भी अब कोई बड़ा मौका नहीं रह गया है।

कंपनियों की सुर्खियाँ

निवेश मंथन पत्रिका

देश मंथन के आलेख