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दुबई में खरीदा है फ्लैट तो आपके पास आ सकता है ईडी का समन, जानिये क्यों

अगर आपने दुबई में मकान खरीदा है और पैसा ट्रांसफर करते समय बैंकिंग चैनलों का सही इस्तेमाल नहीं किया, तो अब आपको प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की पूछताछ का सामना करना पड़ सकता है। आर्थिक अपराधों पर नजर रखने वाली ये एजेंसी अब उन भारतीयों पर शिकंजा कस रही है, जिन्होंने विदेश में संपत्ति खरीदते समय नियमों का उल्लंघन किया है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, ईडी ने हाल ही में उत्तर भारत के कई ऐसे लोगों को समन भेजे हैं, जिन्होंने दुबई में फ्लैट या मकान खरीदा है, लेकिन उनके बैंक रिकॉर्ड में इन ट्रांजैक्शनों का कोई जिक्र नहीं है।

टीसीएस का पहली तिमाही में उम्मीद से बेहतर प्रदर्शन, लेकिन अनुमान से कम बढ़ी ऑपरेटिंग आय

भारत की सबसे बड़ी आईटी कंपनी टीसीएस यानी टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज ने वित्त वर्ष 2025-26 की पहली तिमाही के नतीजे जारी कर दिए हैं और कंपनी ने उम्मीद से बेहतर प्रदर्शन किया है। अप्रैल से जून 2025 की तिमाही में कंपनी का नेट प्रॉफिट 6 प्रतिशत बढ़कर 12,760 करोड़ रुपये रहा है, जबकि बाजार में इसका अनुमान करीब 12,263 करोड़ रुपये का था।

ब्राजील के बाद अब कनाड पर डोनाल्ड ट्रंप पर लगाया 35% टैरिफ, 1 अगस्त से होगा लागू 

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की दुनिया के विभिन्न देशों पर रेसिप्रोकल टैरिफ पर रोक की मियाद 9 जुलाई को खत्म हो गयी। इसके साथ ही ट्रंप के टैरिफ का चाबुक फिर से दुनिया के अलग-अलग देशों पर चल रहा है। ट्रंप ने ब्राजील के बाद अब कनाडा पर भी टैरिफ लगाने का ऐलान कर दिया है। उन्होंने कनाडा से अमेरिका आने वाली चीजों पर 35% का भारी-भरकम टैरिफ लगाने की घोषणा की है।

मध्यम और उच्च श्रेणी वाले मोबाइल यूजर की जेब पर कैंची चलाने की तैयारी में माेबाइल कंपनियाँ

मोबाइल कंपनियाँ एक बार फिर से मोबाइल यूजर्स की जेब पर कैंची चलाने की तैयारी कर रही हैं। हालाँकि, ये कटौती तत्काल न हो कर दिसंबर तक हो सकती है। साथ ही इस बाद इसकी जद में सिर्फ बेस प्लान वाले ग्राहक ही नहीं मिड और हाई रेंज वाली योजनाएँ भी आयेंगी। टेलिकॉम कंपनियाँ बिना ज्यादा ग्राहक खोए आय बढ़ाने की योजना के तहत ये बढ़ोतार कर सकती हैं। 

पुराने भौतिक शेयरों के हस्तांतरण के लिए सेबी ने दी राहत, फिर अनुरोध दर्ज कराने की मिली इजाजत

पुराने भौतिक शेयरों के शेयरधारकों को बड़ी राहत देते हुए बाजार नियामक ने इनके हस्तांतरण के अनुरोध फिर लेने की इजाजत दे दी है। भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड ने इसके लिए छह महीने की विशेष व्यवस्था (स्पेशल विंडो) करने की घोषणा की है। इसके तहत उन निवेशकों को दोबारा अनुरोध दर्ज कराने का अवसर दिया जायेगा, जिन्होंने 1 अप्रैल 2019 से अपने अनुरोध पेश किये थे, लेकिन दस्तावेजों में कमी के कारण अस्वीकृत/वापस कर दिये गये थे।  

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