टीटागढ़ रेल सिस्टमस और भेल (BHEL) यानी भारत हैवी इलेक्ट्रिकल लिमिटेड कंसोर्शियम को भारतीय रेल से ऑर्डर मिला है। दोनों कंपनियों के कंसोर्शियम को 80 वंदे भारत ट्रेन के मैन्युफैक्चरिंग के लिए ऑर्डर मिला है।
कंसोर्शियम ने भारतीय रेल के साथ वंदे भारत स्लीपर ट्रेन की मैन्युफैक्चरिंग के लिए करार किया है।
दोनों कंपनियों की ओर से जारी संयुक्त बयान में कहा गया है कि टीटागढ़ रेल सिस्टमस और भारत हैवी इलेक्ट्रिकल लिमिटेड कंसोर्शियम ने भारतीय रेलवे के साथ एक कॉन्ट्रैक्ट किया है। इस कॉन्ट्रैक्ट के तहत 80 वंदे भारत स्लीपर ट्रेन सेट्स की आपूर्ति करनी है। कंसोर्शियम को 2029 तक यह ऑर्डर पूरा करना होगा। कंपनी को मिले इस ऑर्डर की अनुमानित वैल्यू 24000 करोड़ रुपये है। भारतीय रेलवे ने पहली बार इतने बड़े रकम का ऑर्डर किसी कंसोर्शियम को दिया है। कंसोर्शियम को ट्रेन सेट को डिजाइन करने के साथ मैन्युफैक्चरिंग भी करनी होगी। इसके अलावा इन दोनों कंपनियों पर 35 सालों तक ट्रेनों के रख-रखाव की भी जिम्मेदारी होगी। खास बात यह है कि TRSL-BHEL आत्मनिर्भर कंसोर्शियम के तहत बोली लगाने वाली इकलौती कंसोर्शियम थी।
TRSL के उपाध्यक्ष और प्रबंध निदेशक उमेश चौधरी ने कहा कि हमारी कंपनी प्रधानमंत्री के आत्मनिर्भर विजन को पूरा करने को लेकर प्रतिबद्ध है। वंदे भारत ट्रेन ने घूमने के तरीके मे क्रांति ला दी है। हमें गर्व है कि हम इस पहल का हिस्सा बन रहे हैं। इस पूरे ऑर्डर को 6 साल की अवधि में पूरा करना है। वहीं ट्रेन का पहला प्रोटोटाइप 2 साल की तय अवधि में उपलब्ध कराना है। वंदे भारत स्लीपर ट्रेन सेट की फाइनल एसेंबली, टेस्टिंग भारतीय रेलवे के चेन्नई स्थित इकाई में होगी। इस ट्रेन में 16 कोच होंगे। इसमें करीब 887 यात्रियों की क्षमता होगी। ट्रेन को इस तरीके से डिजाइन किया जाएगा ताकि अधिकतम स्पीड 160 किलोमीटर प्रति घंटा हासिल कर सके।
(शेयर मंथन, 16 जून, 2023)
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