जी-20 सम्मेलन में कोई महत्वपूर्ण घोषणा न किये जाने के प्रति वैश्विक शेयर बाजारों ने निराशा प्रकट की है। विभिन्न वित्तीय संस्थाओं द्वारा नौकरियों में की जा रही कटौती की लगातार घोषणाओं के बीच सप्ताह के पहले कारोबारी दिन सोमवार को डॉव जोंस 2.63% की गिरावट के साथ बंद हुआ। नैस्डैक में भी 2.29% की गिरावट रही। यूरोप में एफटीएसई 100 में 2.38% की कमजोरी रही। डैक्स और कैक 40 भी 3% से अधिक कमजोरी के साथ बंद हुए। मंगलवार सुबह भारतीय समयानुसार 8 बजे शंघाई कंपोजिट को छोड़ कर शेष एशियाई बाजारों में गिरावट है। शंघाई कंपोजिट लगभग 1% ऊपर चल रहा है। निक्केई, कॉस्पी और ताइवान वेटेड में लगभग 2% की कमजोरी है। स्ट्रेट टाइम्स लगभग 1% नीचे चल रहा है।
कच्चे तेल के भाव में गिरावट आयी है। न्यूयार्क मर्केटाइल एक्सचेंज में शुक्रवार को कच्चा तेल 57.04 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गया। विशेषज्ञों का मानना है कि ऐसा इसलिए हुआ है कि जी20 की बैठक में कोई ठोस कदम की घोषणा नहीं हो पायी। इसी वजह से अब निवेशकों को समझ में नहीं आ रहा कि इस वैश्विक मंदी का मुकाबला किस तरह किया जाएगा।
ब्रिटिश टेलीकॉम के कर्मचारियों की छंटनी की घोषणा किये जाने के बाद कामगारों के लिए एक और बुरी खबर यह है कि सिटी ग्रुप भी 10,000 और कर्मचारियों की छंटनी करने तैयारी में है। वॉल स्ट्रीट जर्नल की एक रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिकी कंपनी सिटी ग्रुप में 10,000 और कर्मचारियों की छंटनी की योजना है। यह छंटनी सिटी ग्रुप के इनवेस्टमेंट बैंक और दूसरे डिवीजन्स में की जानी है। अगर ऐसा हुआ तो सिटी ग्रुप द्वारा की गयी छंटनी का आंकड़ा साल 2008 में 23,000 तक पहुंच जायेगा।
गुरुवार को दूरसंचार क्षेत्र की कंपनी ब्रिटिश टेलीकॉम (बीटी) ने 10 हजार कर्मचारियों की छंटनी की घोषणा की है। कंपनी ने स्पष्ट किया है कि भारत में स्थित उसके कर्मचारियों की नौकरी पर फिलहाल कोई खतरा नहीं है। कंपनी की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि इस छंटनी से प्रभावित होने वाले ज्यादातर लोग ब्रिटिश हैं। देश के हिसाब से सही-सही आंकड़ा देना अभी संभव नहीं है, लेकिन इतना जरूर है कि भारत में लोगों को नहीं हटाया जा रहा है। लगभग 600 लोग भारत में बीटी की नौकरी करते हैं।