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शेयर मंथन सर्वेक्षण : दिसंबर के लक्ष्य तो इस समय ही हासिल

राजीव रंजन झा : भारतीय शेयर बाजार की दशा-दिशा और उससे ज्यादा इसकी मनोदशा भाँपने वाले हमारे छमाही सर्वेक्षण का इंतजार खत्म हो गया है।
लेकिन इस सर्वेक्षण के नतीजों में आपको पटाखे फूटते नहीं दिखेंगे, फुलझड़ियाँ नजर नहीं आयेंगीं। दरअसल इस सर्वेक्षण के मुताबिक छह महीने बाद दिसंबर 2013 के अंत में सेंसेक्स और निफ्टी को जहाँ होना चाहिए, उन स्तरों के आसपास तो ये दोनों दिग्गज सूचकांक इस वक्त ही घूम रहे हैं।
शेयर मंथन सर्वेक्षण, जुलाई 2013 के विस्तृत नतीजे आपको शेयर मंथन पर अलग रिपोर्ट के रूप में मिलेंगे। लेकिन इसका एक मोटा निष्कर्ष यह है कि देश के 50 से ज्यादा दिग्गज विशेषज्ञ दिसंबर 2013 में सेंसेक्स को 20,061 पर और निफ्टी को 5,990 पर देख रहे हैं। इस तरह जून 2013 के बंद स्तर की तुलना में सेंसेक्स में 3.49% और निफ्टी में 2.5% बढ़त का अनुमान सामने आया।
लेकिन सेंसेक्स तो बीते शुक्रवार 12 जुलाई को ही 20,000 के बेहद करीब चला गया, 19,992 तक। और निफ्टी की बात करें तो 5,990 के छह महीने बाद के लक्ष्य की तुलना में यह 6,019 तक चला गया। तो क्या यह सर्वेक्षण बाजार की नब्ज पकड़ने में कुछ चूक गया है?
इस सर्वेक्षण की अवधि जून के अंतिम सप्ताह से जुलाई के प्रथम सप्ताह के बीच रही है। इस दौरान ही सेंसेक्स ने 24 जून के निचले स्तर 18,467 से 5 जुलाई के ऊपरी स्तर 19,640 तक की बढ़त हासिल की और निफ्टी ने 24 जून के निचले स्तर 5,566 से एक जुलाई के ऊपरी स्तर 5,904 तक की तीखी छलाँग लगायी। इसलिए सर्वेक्षण में सहभागी रहे विश्लेषकों को बाजार की मौजूदा स्थिति और ऊपरी चाल का आभास था।
इसके बावजूद अगर छह महीने बाद के उनके औसत लक्ष्य मौजूदा स्तरों के एकदम आसपास ही हैं, तो इसका मतलब यही है कि वे बाजार की गाड़ी फिलहाल यहाँ से ज्यादा आगे बढ़ती नहीं देख रहे हैं। इसका मतलब यह भी निकलता है कि ट्रेन स्टेशन के पास समय से कुछ पहले आ गयी है, लिहाजा वह अगले स्टेशन के लिए रवाना होने के बदले कुछ समय प्लेटफॉर्म से पहले और कुछ समय प्लेटफॉर्म पर ही गुजार कर आपको परेशान कर सकती है।
साल भर बाद यानी जून 2014 के लक्ष्य भी बहुत धमाकेदार नहीं हैं। सेंसेक्स का लक्ष्य 21,275 का है, यानी जून 2013 के बंद स्तर से 9.7% ऊपर। वहीं निफ्टी का लक्ष्य 6,309 का है, यानी साल भर में केवल 8.0% बढ़त का अनुमान है। यानी अगले साल भर तक बाजार एक सीमित आशावाद के साथ ही आगे बढ़ेगा। यह भी ध्यान रखें कि शेयर मंथन सर्वेक्षण में लक्ष्यों की बात तो की जाती है, लेकिन यह मान कर सर्वेक्षण नहीं किया जाता कि कोई भविष्यवाणी करनी है। यह सर्वेक्षण बाजार की इस समय की मन:स्थिति को समझने का एक जरिया है।
इस सर्वेक्षण में बाजार के 52 जाने-माने विशेषज्ञों ने अपनी राय दी है। सहभागी जानकारों की संख्या के लिहाज से यह भारतीय शेयर बाजार का सबसे बड़ा सर्वेक्षण है, लेकिन स्पष्ट कर दें कि सहभागियों का चयन शुद्ध सांख्यिकीय पद्धतियों के आधार पर नहीं किया गया है। Rajeev Ranjan Jha
(शेयर मंथन, 15 जुलाई 2013)

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