शेयर मंथन में खोजें

कैसे लौटे जान जमीन-जायदाद के कारोबार में

राजीव रंजन झा

उद्योग संगठन फिक्की ने 8 उपायों का सुझाव दिया है, जिनसे भारत में रियल एस्टेट क्षेत्र को संभाला जा सके और इस क्षेत्र में विदेशी पूँजी की धारा फिर से लायी जा सके। फिक्की का सुझाव है कि लंबी अवधि के लिए पयार्प्त और सस्ता कर्ज उपलब्ध कराया जाये, कानूनी ढांचे को आसान बनाया जाये और इन कंपनियों को किसी योजना की मंजूरी एक ही खिड़की पर मिल सके, इसका इंतजाम हो, भूमि सुधार किये जायें, आवासीय योजनाओं को विशेष प्रोत्साहन मिले, बुनियादी ढाँचा विकास पर विशेष जोर दिया जाये, जमीन की कीमतों में सट्टे पर अंकुश लगे और भूमि के अंतिम उपयोग पर नियंत्रण की व्यवस्था हो, उपभोक्ताओं का भरोसा बहाल करने के लिए वादा नहीं निभाने वाले डेवलपरों के खिलाफ सख्त कानून हों, और रातों-रात भागने वाले डेवलपरों को हतोत्साहित किया जाये, डेवलपरों को संगिठत क्षेत्र का हिस्सा बनने के लिए प्रेरित किया जाये।

कोई शक नहीं कि इनमें से कई सुझाव काफी जरूरी हैं और लंबे समय से उनकी जरूरत महसूस की जाती रही है। लेकिन इन सारे सुझावों के बीच केवल एक बात गायब है -- इस बात का अहसास कि अपने मौजूदा संकट की एक बड़ी जिम्मेदारी खुद रियल एस्टेट क्षेत्र की है। कीमतों को अनाप-शनाप उछालने के पीछे कोई और
तबका जिम्मेदार नहीं है। निवेशकों के वेश में सट्टेबाजी करने वाले लोगों के साथ मिल कर, या उन्हें आकिषर्त करके नकली माँग पैदा करने का खेल किन लोगों ने खेला, यह किसी से छिपा नहीं है।

खुद फिक्की की प्रेस रिलीज की पहली पंक्ति यह आभास देती है, मानो केवल अंतरराष्ट्रीय बाजारों में आयी मंदी के चलते भारतीय रियल एस्टेट क्षेत्र की यह दुदर्शा है। खुद अपने सवेर्क्षण की खास बातों में फिक्की ने कहा है कि डेवलपरों की ओर से स्वेच्छा से कीमतें घटाये जाने की संभावना नहीं है और वे अपनी ओर से 10-15% से ज्यादा कीमतें नहीं घटायेंगे। लेकिन उनकी यह जिद तभी टिकेगी, जब स्थिति अगले कुछ महीनों में सुधरने लगे।

दरअसल रियल एस्सेट कंपिनयों में यह धारणा बन गयी है कि कीमतें घटने की उम्मीद के चलते खरीदार अभी पीछे हट गये हैं। वे सोच रहे हैं कि अगर अगले साल-छह महीनों तक कीमतों को थामे रखा जा सके तो खरीदार अपने-आप फिर से लौट आयेंगे। तब तक ब्याज दरें भी कुछ घट ही जायेंगीं, जिससे राहत मिलेगी। क्या बिल्ली के भाग्य से छींका टूटेगा?

कंपनियों की सुर्खियाँ

निवेश मंथन : डाउनलोड करें

बाजार सर्वेक्षण (जनवरी 2023)

Flipkart

विश्व के प्रमुख सूचकांक

निवेश मंथन : ग्राहक बनें

शेयर मंथन पर तलाश करें।

Subscribe to Share Manthan

It's so easy to subscribe our daily FREE Hindi e-Magazine on stock market "Share Manthan"