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दूसरी छमाही में निफ्टी की कुल आय 19% घटेगी: इंडिया इन्फो

इंडिया इन्फोलाइन ने कारोबारी साल 2008-09 की दूसरी छमाही में निफ्टी में शामिल कंपनियों का कुल मुनाफा पहली छमाही के मुकाबले 19% कम रहने का अंदेशा जताया है। अगर 2009-10 में निफ्टी कंपनियों के मुनाफे की बात करें, तो यह 2007-08 से भी नीचे जा सकता है। इस ब्रोकिंग फर्म की ताजा रिपोर्ट में कहा गया है कि 2009-10 में निफ्टी कंपनियों का कुल मुनाफा बाजार के मौजूदा औसत अनुमान की तुलना में करीब 20% कम हो सकता है। इस रिपोर्ट के मुताबिक दबाव वाली स्थिति (स्ट्रेस-केस) के अनुमान ही अब आधार (बेस-केस) अनुमान बनते दिख रहे हैं।

मजबूती दिखाने के बाद लुढ़के भारतीय शेयर बाजार

बुधवार को भी भारतीय शेयर बाजारों में गिरावट का क्रम बना रहा और दिन भर के उतार-चढ़ाव के बाद सेंसेक्स 163 अंक या 1.83% नीचे 8,774 पर बंद हुआ। एनएसई के निफ्टी सूचकांक में 48 अंकों या 1.79% की गिरावट रही और यह 2,635 पर बंद हुआ। हालांकि बाजारों में दिन के कारोबार की शुरुआत मजबूती के साथ हुई थी और एक समय सेंसेक्स मंगलवार के बंद स्तर 8,937 से 299 अंक ऊपर 9,236 पर चला गया था। लेकिन यह अपनी मजबूती को बरकरार रखने में नाकामयाब रहा और दोपहर के बाद आयी बिकवाली की वजह से गिरता चला गया।

एशियाई बाजारों में रही गिरावट, लेकिन चीन मजबूत

मंगलवार को यूरोप और अमेरिका के शेयर बाजारों में आयी मजबूती के बावजूद बुधवार को एशियाई शेयर बाजारों में गिरावट का रुख रहा, हालांकि चीन के शंघाई कंपोजिट सूचकांक की चाल सबसे अलग दिखी और यह 6.05% की बढ़त दर्ज करने के बाद बंद हुआ। कॉस्पी सूचकांक 1.87% नीचे रहा, जबकि सिंगापुर का स्ट्रेट टाइम्स सूचकांक 1.59% की गिरावट के बाद बंद हुआ। इंडोनेशिया के जकार्ता कंपोजिट सूचकांक में 0.80% की कमजोरी रही। भारत में सेंसेक्स सूचकांक 1.83% की गिरावट के बाद बंद हुआ।

बाकी एशिया से अलग चाल भारत और चीन की

तमाम एशियाई बाजारों की कमजोरी के बावजूद आज भारतीय शेयर बाजार ने काफी अच्छी शुरुआत की है। इस तेजी में सेंसेक्स का साथ केवल चीन का शंघाई कंपोजिट ही दे रहा है। दरअसल आज कई घरेलू सकारात्मक खबरों ने भारतीय बाजार को सहारा दिया। साथ ही, अंतरराष्ट्रीय संकेत भी पूरी तरह नकारात्मक नहीं थे, क्योंकि एशियाई बाजारों में भले ही कमजोरी दिख रही हो, लेकिन अमेरिकी और यूरोपीय बाजार कल तेज ही थे।

दाम घटाने का मंत्र

राजीव रंजन झा

भारतीय उद्योग जगत के लिए चीफ मार्केटिंग ऑफिसर या चीफ स्ट्रेटेजी ऑफिसर की भूमिका निभाकर वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने कल प्रमुख उद्योग संगठन सीआईआई के इंडिया इकोनॉमिक समिट में अर्थशास्त्र के कुछ बुनियादी सिद्धांत समझाये। जो सबसे प्रमुख बात उन्होंने कही, वह है दाम घटाने की। उनका कहना है कि विश्व अर्थव्यवस्था की मौजूदा हालत में अगर कंपनियों को अपने उत्पादों की मांग बढ़ानी है, तो उन्हें दाम घटाने होंगे। लेकिन लगता है कि ज्यादातर उद्योगों को उनकी यह बिना मांगी सलाह कुछ जमी नहीं।

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