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टैरिफ के मुद्दे पर चीन के खिलाफ अमेरिका की घेराबंदी पर ड्रैगन ने दुनिया को आँख दिखायी

पहले अमेरिका के राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ने दुनिया को आँखें दिखाई और अब चीन तेवर दिखा रहा है। धमका रहा है कि अमेरिका से डील करनी है तो करो लेकिन उसकी वजह से अगर उसका नुकसान हुआ तो अच्छा नहीं होगा। दरअसल अमेरिका चाहता है कि दुनिया के सभी प्रमुख देश चीन नहीं उसके साथ व्यापार करें जिससे उसकी अर्थव्यवस्था बढ़े। लेकिन चीन ऐसा होने नहीं देना चाहता है।

आरईआईटीएस और आईएनवीआईटीएस में म्यूचुअल फंड निवेश की सीमा बढ़ाने पर विचार कर रहा नियामक

सेबी ने म्यूचुअल फंड की रियल एस्टेट इन्वेस्टमेंट ट्रस्ट और इन्फ्रास्ट्रक्चर इन्वेस्टमेंट ट्रस्ट में निवेश की सीमा को बढ़ाने का प्रस्ताव दिया है। नियामक की दलील है कि इससे निवेशकों को ज्यादा विविधता और बेहतर रिटर्न मिलेगा। सेबी ने इस पर इंडस्ट्री से उनकी राय माँगी है।

1 मई से एटीएम से पैसा निकालना और बैलेंस चेक करना होगा महँगा, जानें कितना लगेगा चार्ज

अगर आप भी कैश निकालने के लिए एटीएम का इस्तेमाल करते हैं तो यह खबर आपके लिए है। 1 मई 2025 से एटीएम ट्रांजैक्शन के चार्ज बढ़ने जा रहे हैं। आरबीआई ने नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (एनपीसीआई) के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है, जिसके बाद दूसरे बैंक के एटीएम से कैश निकालने पर लगने वाला चार्ज बढ़ने जा रहा है।

क्या 2000 रुपये से ज्यादा के यूपीआई लेनदेन पर लगेगा टैक्स?

हाल ही में ऐसी खबरें आ रही थीं कि सरकार 2,000 रुपये से ज्यादा के यूपीआई लेनदेन पर जीएसटी लगाने पर विचार कर रही है। इसके बाद से ही लोगों में असमंजस की स्थिति थी और वे सोचने लगे थे कि यूपीआई पेमेंट महँगा हो जायेगा। हालाँकि, अब इन अटकलों पर सरकार की तरफ से बयान आया है। सरकार ने साफ किया है कि 2000 रुपये से अधिक के यूपीआई लेनदेन पर जीएसटी लगाने की ऐसी कोई योजना नहीं है।

जग्गी बंधुओं ने कंपनी के पैसों पर की अय्याशी, जानिये जेनसोल इंजीनियरिंग के घोटाले की पूरी कहानी

साल 2012 में दो लोगों अनमोल और पुनीत सिंह जग्गी ने गुजरात के अहमदाबाद में एक कंपनी की शुरुआत की। नाम रखा गया जेनसोल इंजीनियरिंग। 2019 यानी कंपनी के शुरू होने के करीब 7 साल बाद कंपनी ने शेयर मार्केट के एमएसएमई सेग्मेंट में कदम रखा। सोलर पावर प्रोजेक्ट के लिए तकनीकी, प्रबंधन और निर्माण सेवाएँ देने वाली कंपनी जेनसोल इंजीनियरिंग आजकल सुर्खियों में है। आरोप है कि प्रवर्तकों ने कंपनी के पैसों का इस्तेमाल अपनी अय्याशी और धोखाधड़ी के लिए किया। सेबी की कार्रवाई के बाद अब कंपनी बंद होने कगार पर है। लेकिन सवाल ये है कि आखिर ऐसा हुआ क्या और क्यों? 

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