ब्रोकिंग फर्म प्रभुदास लीलाधर ने डॉ. रेड्डीज के तिमाही नतीजों के बाद जारी रिपोर्ट में इसका शेयर जमा करने (Accumulate) की सलाह दी है।
इसने अपनी रिपोर्ट में जिक्र किया है कि डॉ. रेड्डीज का तिमाही प्रदर्शन बाजार विश्लेषकों के औसत अनुमानों से बेहतर रहा है। कंपनी ने अपनी तिमाही आमदनी में साल-दर-साल 8.7% की बढ़त दर्ज की है। इसकी तिमाही आमदनी 3,534 करोड़ रुपये से बढ़ कर 3,843 करोड़ रुपये हो गयी।
हालाँकि कंपनी के मुनाफे में कमी आयी है। तिमाही मुनाफा 618.5 करोड़ रुपये से घट कर 575 करोड़ रुपये रह गया। इस तरह मुनाफा साल-दर-साल 7.0% घटा है।
प्रभुदास लीलाधर ने अपनी रिपोर्ट में जिक्र किया है कि 2014-15 की तीसरी तिमाही में डॉ. रेड्डीज ने छह जेनेरिक दवाएँ बाजार में उतारी हैं, जिनसे कंपनी के लिए छोटी से मध्यम अवधि में बिक्री बढ़ने की संभावनाएँ सुधरी हैं। अमेरिकी बाजार में कंपनी की बिक्री ठीक पिछली तिमाही से 17% बढ़ी है। हालाँकि अमेरिकी बाजार में कंपनी की संभावनाएँ काफी हद तक इसके श्रीकाकुलम एपीआई संयंत्र में उत्पादन से जुड़े मुद्दों के समाधान पर टिकी हैं। प्रभुदास लीलाधर का मानना है कि इन नियामक मुद्दों के कारण निकट से मध्यम अवधि में कंपनी के मूल्यांकन पर कुछ दबाव रहेगा। इसके मुताबिक अभी डॉ. रेड्डीज का शेयर भाव 2016-17 की अनुमानित आय के आधार पर 21 पीई अनुपात पर चल रहा है। इसने कंपनी के शेयर के लिए अपना लक्ष्य भाव 5% बढ़ाते हुए 3,368 रुपये कर दिया है और जमा करने (एकम्युलेट) की सलाह जारी रखी है।
आज सुबह से ही डॉ. रेड्डीज का शेयर दबाव में नजर आया। सत्र के मध्य में तो यह पिछले बंद भाव 3359 की तुलना में 3200 रुपये तक फिसल गया। दोपहर करीब बजे यह 109 रुपये या 3.25% के नुकसान के साथ 3250 रुपये पर चल रहा है। (शेयर मंथन, 30 जनवरी 2015)
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