सोयाबीन वायदा (दिसम्बर) का कारोबार तेजी के रुझान के साथ कम दायरे में हुआ। अब कीमतों के 5,200-5,700 रुपये के दायरे में कारोबार करने की संभावना है क्योंकि बाजार में नये सीजन की सोयाबीन की आवक हो रही है।
सोयाबीन वायदा (दिसम्बर) की कीमतों में कल मामूली बढ़त के साथ बंद हुई क्योंकि कम आवक के बीच तेल मिलों की ओर से सोयाबीन की अधिक माँग हो रही है।
निचले स्तर पर खरीदारी के कारण सोयाबीन वायदा (जनवरी) की कीमतों में कल 2.2% की बढ़ोतरी दर्ज की गयी। अब कीमतों के 6,300 रुपये के स्तर पर सहारा के साथ 6,520 रुपये के स्तर पर पहुँचने की संभावना है।
सोयाबीन वायदा (दिसंबर) की कीमतों के 2,830-2,875 रुपये के दायरे में कारोबार करने की संभावना है।
एसएमसी कमोडिटीज ने 2019 के लिए अपनी वार्षिक कमोडिटी रिपोर्ट में जिक्र किया है कि 2016 और 2017 में सोने की कीमतों में तेजी के बाद 2018 में तेजी पर लगाम लग गयी।
एसएमसी कमोडिटी ने अपनी साप्ताहिक रिपोर्ट में जिक्र किया है कि सर्राफा की कीमतों में तेजी का रुझान रहने की संभावना है, लेकिन रुपये के मजबूत होने के कारण उच्च स्तर पर मुनाफा वसूली से इंकार नहीं किया जा सकता है।
सोयाबीन वायदा (जनवरी) की कीमतों के नरमी के रुझान के साथ 3,300 रुपये तक लुढ़कने की संभावना है।
हल्दी वायदा (नवंबर) की कीमतें 5,750-5,700 रुपये तक लुढ़क सकती हैं।
बेस मेटल की कीमतों के एक दायरे में रहने की संभावना है। लेकिन लेड और जिंक की कीमतों में बढ़त दर्ज की जा सकती है।
सोयाबीन वायदा (जनवरी) की कीमतों के 3,310-3,350 रुपये के दायरे में ही बरकरार रहने की संभावना है।
सोयाबीन वायदा (दिसंबर) की कीमतों के 2,820-2,865 रुपये के दायरे में कारोबार करने की संभावना है।
सोयाबीन वायदा (दिसंबर) की कीमतों के 3,400-3,455 रुपये के दायरे में सीमित दायरे में कारोबार करने की संभावना है।
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रूस-यूक्रेन युद्ध रुकवाने में अब तक नाकाम रहने से झुँझलाये अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ने भारत पर अपने टैरिफ की तलवार घुमा दी है। वहीं भारत ने स्पष्ट कर रखा है कि वह अपनी संप्रभुता और आर्थिक हितों को सर्वोच्च प्राथमिकता देगा और किसी के दबाव में नहीं आयेगा।
हर वर्ष हम एक अलग पद्धति से म्यूचुअल फंडों के प्रदर्शन की समीक्षा करके विशेष कर इक्विटी की अलग-अलग श्रेणियों में विजेता फंडों (Best Equity Funds) का चयन करते हैं।