मिले-जुले फंडामेंटल के कारण सोयाबीन वायदा (फरवरी) की कीमतें 4,555-4,775 रुपये के दायरे में कारोबार कर सकती है जबकि कीमतों की तेजी और गिरावट दोनों पर रोक लगी रह सकती है।
सोयाबीन वायदा ने राष्ट्रीय एक्सचेंजों पर 5,128 रुपय के स्तर का एक नया उच्च स्तर बनाया है और यह तेजी 5,200-5,250 रुपये तक जारी रहने की संभावना है।
धीमी आवक के कारण सोयाबीन वायदा (नवम्बर) की कीमतों में तेजी का रुझान रहने की संभावना है और कीमतें 3,900 रुपये के स्तर पर सहारा के साथ 4,250-4,375 रुपये के स्तर पर पहुँच सकती है।
सोयाबीन वायदा (दिसंबर) की कीमतें पिछले वर्ष दिसंबर में दर्ज 4,526 रुपये के पिछले उच्च स्तर पर पहुँचने की ओर अग्रसर है जबकि कीमतों को 4,200 रुपये के पास सहारा बरकरार रहने की संभावना है।
सोयाबीन वायदा (जनवरी) की कीमतों के तेजी के रुझान के साथ कारोबार करने की संभावना है और कीमतें 4,350 रुपये के स्तर के पास सहारा के साथ 4,600 रुपये के स्तर पर पहुँच सकती हैं।
सोयाबीन वायदा (दिसंबर) में 4,200-4,250 रुपये के पास निचले स्तर की खरीदारी देखी जा सकती है, जिससे कीमतों में तेजी बरकरार रहेगी।
सोयाबीन वायदा (अक्टूबर) की कीमतों में 4,080 रुपये के पास अड़चन के साथ 3,750-3,700 रुपये तक गिरावट जारी रहने की संभावना है।
सोयाबीन वायदा (दिसंबर) की कीमतों को 4,250 रुपये के पास सहारा बरकरार रहने की संभावना है, कीमतों के 4,450-4,500 रुपये के स्तर पर पहुँचने की उम्मीद है।
एसएमसी कमोडिटीज ने अपनी साप्ताहिक रिपोर्ट में एनसीडीईक्स में हल्दी (अप्रैल) में खरीदारी करने की सलाह दी है।
एसएमसी कमोडिटी (SMC Commodity) ने अपनी साप्ताहिक रिपोर्ट में एनसीडीईएक्स में हल्दी (फरवरी) खरीदने की सलाह दी है।
एसएमसी कमोडिटीज ने अपनी साप्ताहिक रिपोर्ट में एनसीडीईएक्स में हल्दी खरीदने की सलाह दी है।
एसएमसी कमोडिटीज ने अपनी साप्ताहिक रिपोर्ट में एनसीडीईएक्स में हल्दी (नवंबर) खरीदने की सलाह दी है।
हल्दी वायदा (अगस्त) की कीमतों में तेजी का रुझान रहने की संभावना है और कीमतें 7,300 रुपये तक पहुँच सकती हैं।
घरेलू और विदेशी माँग में सुस्ती के कारण हाजिर बाजारों में नरमी के रुख पर हल्दी वायदा (सितंबर) की कीमतों में 6,650-6,600 रुपये तक गिरावट होने की संभावना है।
हल्दी वायदा (जून) की कीमतों में तेजी का रुझान बरकरार रहने की संभावना है।
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रूस-यूक्रेन युद्ध रुकवाने में अब तक नाकाम रहने से झुँझलाये अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ने भारत पर अपने टैरिफ की तलवार घुमा दी है। वहीं भारत ने स्पष्ट कर रखा है कि वह अपनी संप्रभुता और आर्थिक हितों को सर्वोच्च प्राथमिकता देगा और किसी के दबाव में नहीं आयेगा।
हर वर्ष हम एक अलग पद्धति से म्यूचुअल फंडों के प्रदर्शन की समीक्षा करके विशेष कर इक्विटी की अलग-अलग श्रेणियों में विजेता फंडों (Best Equity Funds) का चयन करते हैं।