सुप्रीम कोर्ट यानी उच्चतम न्यायालय ने अदाणी-हिंडनबर्ग मामले की जांच के लिए 6 सदस्यीय विशेषज्ञ पैनल का गठन किया है। इस पैनल की अध्यक्षता सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जज करेंगे।
यह पैनल मौजूदा रेगुलेटरी नियमों का आंकलन करेगी और उसे मजबूत करने के लिए सिफारिशें सौंपेगी ताकि निवेशकों का पैसा सुरक्षित रह सके। इस पैनल की अध्यक्षता सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जज अभय मनोहर सप्रे करेंगे। इस पैनल के बाकी सदस्यों में एसबीआई के पूर्व चेयरमैन ओ पी भट्ट, जस्टिस जे पी देवधर, के वी कामत, नंदन नीलेकणी और सोमशेखर सुंदरेशन होंगे।मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़, जस्टिस पी एस नरसिम्हा और जे बी परदीवाला ने कहा कि पैनल मौजूदा स्थिति की पूरी तरह आंकलन करेगी। इसके अलावा निवेशकों को जागरुक करने के लिए उपाय भी सुझाएगी। वहीं शेयर बाजार के लिए मौजूदा रेगुलेटरी नियमों को मजबूत करने के लिए अपनी सिफारिशें भी देगा। सुप्रीम कोर्ट ने सेबी को विशेषज्ञ पैनल को जांच में सहयोग करने का आदेश दिया है। सेबी को मामले की जांच कर 2 महीने के भीतर रिपोर्ट सौंपने का आदेश दिया है। सेबी के रिपोर्ट सौंपने के बाद विशेषज्ञ पैनल सीलबंद लिफाफे में अपनी रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट में दाखिल करेगा। सुप्रीम कोर्ट बेंच ने साफ किया कि पैनल के गठन से जांच में सेबी के अधिकार में किसी तरह की कोई कमी नहीं आई है। आपको बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने 17 फरवरी को अपने सुरक्षित आदेश में केंद्र की ओर से प्रस्तावित विशेषज्ञों के नाम सीलबंद लिफाफे में स्वीकार करने से मना कर दिया था। वहीं सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद अदाणी ग्रुप के चेयरमैन गौतम अदाणी ने ट्वीट कर फैसले का स्वागत किया और कहा कि अब तय समय में फैसला आएगा।
(शेयर मंथन 2 मार्च, 2023)
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