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ज्यादा दूर नहीं रह गया निफ्टी (Nifty) का रिकॉर्ड स्तर

राजीव रंजन झा : अप्रैल के निचले स्तरों से एक अच्छी-खासी उछाल दर्ज कर लेने के बावजूद भारतीय शेयर बाजार थकने के संकेत नहीं दे रहा है।
बेशक, कल यह एक छोटे दायरे में रहा, लेकिन सकारात्मक रुझान में बना रहा। मेरे मन में लगातार यह खटका है कि बाजार किसी भी समय दिशा बदल सकता है। लेकिन जब तक यह स्पष्ट रूप से दिशा बदलने के संकेत न दे, तब तक इसकी धारा के साथ ही चलना कारोबारियों और निवेशकों के लिए बेहतर है। सेंसेक्स (Sensex) का पिछला रिकॉर्ड ऊँचा स्तर 21207 (10 जनवरी 2008) मौजूदा स्तर 20247 से 960 अंक या 4.74% ऊपर है। लेकिन निफ्टी (Nifty) मौजूदा स्तर से करीब 3% चढ़ने पर ही 6357 के रिकॉर्ड स्तर के पास होगा।
आज निफ्टी 6184 के ऊपर जाने पर बाजार की यह तेजी आगे बढ़ेगी। लेकिन 6158 के नीचे जाने पर मुनाफावसूली का अंदेशा रहेगा और 6150 के नीचे जाने पर 6120-6100 तक गिरने की संभावना बनेगी। वहीं 6100 के नीचे जाना बाजार की मौजूदा चाल के लिए खतरे का संकेत हो सकता है।
अगर यह तेजी जारी रही तो बाजार किन ऊपरी स्तरों की ओर बढ़ सकता है? निफ्टी को निकट भविष्य में ही 6600 तक ले जाने वाली संरचनाएँ दिखने लगी हैं। दरअसल मौजूदा उछाल की रफ्तार दिसंबर 2011 से फरवरी 2012 की उछाल जैसी दिख रही है। तब 20 दिसंबर 2011 की तलहटी 4531 से 22 फरवरी 2012 के शिखर 5630 तक करीब 1100 अंक की उछाल आयी थी। निफ्टी की मौजूदा उछाल अब तक 700 अंक की हो चुकी है। अगर यह 1100 अंक की उछाल पूरी करने की ओर चले तो इसका लक्ष्य करीब 6600 का बनता है। निफ्टी के अक्टूबर 2011 के शिखर 5400 और फरवरी 2012 के शिखर 5630 को मिलाने वाली रुझान रेखा भी करीब 6600 का लक्ष्य बता रही है।
लेकिन सेंसेक्स के चार्ट में अक्टूबर 2011 के शिखर 17908 और फरवरी 2012 के शिखर 18524 और जनवरी 2013 के शिखर 20204 को मिलाती रुझान रेखा का लक्ष्य 20800-20900 के आसपास है। यानी इस हिसाब से करीब 3% की तेजी बाकी दिखती है। अगर निफ्टी भी इसी तर्ज पर मौजूदा स्तर से 3% चढ़े तो यह 6357 के पिछले रिकॉर्ड स्तर के पास होगा।
इसलिए एक संभावना यह बनती है कि मौजूदा उछाल निफ्टी के 6300-6350 के आसपास जाने पर रुक जाये। वहाँ नहीं रुकी तो इसके लिए 6500-6600 तक जाना बड़ा स्वाभाविक हो जायेगा और इसका लक्ष्य बढ़ कर 6800 तक भी जा सकता है। ऐसा क्यों होगा, ये मुझसे न पूछें। फिलहाल मुझे ऐसा कोई कारण नहीं दिखता जो बाजार की यह उछाल जारी रहने का वाजिब कारण हो। लेकिन जो तकनीकी संरचनाएँ हैं, उनके आधार पर यह तस्वीर बनती दिख रही है।
लेकिन ध्यान रखें कि जब निफ्टी 6300 या 6500 के आसपास से पलटेगा तो वहाँ से एक बड़ी गिरावट आ सकती है। काफी ऊँचाई से गिरने के चलते चोट कुछ ज्यादा लगेगी। Rajeev Ranjan Jha
(शेयर मंथन, 17 मई 2013)

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