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बाजार ने डराया भी, छकाया भी, बाकी है असमंजस

राजीव रंजन झा : बीते शुक्रवार को निफ्टी ने पाँच कारोबारी सत्रों का दायरा तोड़ा, ऊपर भी तोड़ा और नीचे भी, और अंत में लगभग बीच-बीच में आ कर ठहर गया। 
मतलब यह कि इसने लोगों को दोनों तरफ छकाया। इसने पहले डराया कि दायरा नीचे टूट रहा है। अभी मंगलवार 7 जनवरी को 6145 का निचला स्तर बना था। इस शुक्रवार को यह सुबह-सुबह 6145 के नीचे गया। लेकिन ज्यादा नहीं, केवल 6140 तक। फिर इसने छकाया कि चलो अब ऊपर की चाल बनी है। हाल में 3 जनवरी, 6 जनवरी और 7 जनवरी को लगातार 6220-6225 के बीच में अटकने के चलते 6225 पर जो बाधा दिख रही थी, उसे इसने शुक्रवार 10 जनवरी को तोड़ा और ऊपर 6239 तक चढ़ा। पर वहाँ से नीचे लौट आया। अंत में नौ दिन चले अढ़ाई कोस। केवल 3 अंक की मामूली बढ़त।
आखिर शुक्रवार की इस कसरत का मतलब क्या है? एक मतलब यह है कि अभी निफ्टी ऊपर जाने के लिए तैयार नहीं हो पा रहा। भले ही शुक्रवार को इसने 6225 की बाधा तोड़ी, लेकिन मैंने पिछले लेखों में जिक्र किया था कि इसके आगे जाने पर भी बड़े छोटे-छोटे अंतरों पर बाधाएँ हैं। गुरुवार 9 जनवरी को मैंने लिखा था कि “अगर निफ्टी 6225 के ऊपर निकल पाये तो भी 5973-6415 की उछाल की 38.2% वापसी 6246 पर अगली बाधा है।” शुक्रवार को इसी बाधा से पहले अटक गया।
शुक्रवार को निफ्टी ने एक साथ 10 एसएमए (6219), 20 एसएमए (6223) और 50 एसएमए (6192), तीनों को पार किया, लेकिन इनमें से किसी के ऊपर टिक नहीं पाया। अंत में यह इन तीनों के नीचे ही बंद हुआ। अगर इन मूविंग एवरेज स्तरों के ऊपर जाने में निफ्टी नाकाम रहा तो ऐसी आशंका बढ़ जायेगी कि यह 100 एसएमए (अभी 6002) और 200 एसएमए (अभी 5919) की ओर फिसल जाये।
लेकिन फिलहाल निफ्टी के लिए एक महत्वपूर्ण सहारा 6130 पर है और इसके टूटने के बाद ही 100 एसएमए और 200 एसएमए तक फिसलने की बात की जा सकती है। अगर नवंबर-दिसंबर में 5973 से 6415 तक की उछाल की वापसी के स्तरों को देखें तो 61.8% वापसी के स्तर 6142 के पास ही इस शुक्रवार का निचला स्तर रहा है। इसके नीचे जाने पर इस संरचना में 80% वापसी का अगला स्तर 6062 पर है और अगर वह भी टूटे तो फिर से 5973 तक फिसल जाने की संभावना बन जायेगी।
अब जरा बात इन्फोसिस की। मैंने शुक्रवार को राग बाजारी में जिक्र किया था कि इसका पुराना लक्ष्य तो हासिल हो चुका, अब आगे 4000 और फिर 4500 जैसे मोटे लक्ष्य बन सकते हैं मगर उसमें समय लगेगा। एक दिलचस्प पहलू यह है कि बीती तिमाही के लिए इन्फोसिस के कारोबारी नतीजे बाजार को पसंद आने और शुक्रवार को नतीजों के बाद ठीक-ठाक मजबूती मिलने के बावजूद यह चार दिन पहले 6 जनवरी को बने अपने पिछले शिखर को पार नहीं कर पाया। इसका 6 जनवरी का शिखर 3580 का था, शुक्रवार 10 जनवरी को यह 3575 तक जाने के बाद 3551 पर बंद हुआ।
तो क्या फिलहाल इन्फोसिस का शेयर कुछ आराम करेगा? ध्यान रखें कि अप्रैल 2013 में इन्फोसिस का निचला स्तर 2186 का था, जहाँ से 3580 तक की बढ़त 63.8% की बनती है। अगर बीते तीन महीनों की ही बात करें तो दूसरी तिमाही के नतीजों से पहले 10 अक्टूबर 2013 के बंद भाव 3128 की तुलना में 6 जनवरी के ऊपरी स्तर 3580 पर 14.5% की बढ़त दिखती है। ऐसे में अगर कुछ समय तक इन्फोसिस मौजूदा स्तरों के आसपास ही रुक कर हाल की बढ़त को पचाने की कोशिश करे, तो इसमें कोई आश्चर्य नहीं होगा।
लेकिन अगर यह 3600 से आगे बढ़ने का रुझान दिखाये, तो जरूर यह अगले तीन महीनों में 3750 की ओर बढ़ पायेगा। हालाँकि मौजूदा भावों से यह वृद्धि प्रतिशत के लिहाज से ज्यादा आकर्षक नहीं होगी। इसलिए अब यहाँ इन नतीजों से उत्साहित होकर नयी खरीदारी करने के बदले बाजार में किसी कमजोरी के चलते इस शेयर के नीचे आने का इंतजार करना बेहतर होगा। बेशक, आने वाले सालों में यह 4000 को भी छू सकेगा और 4500 को भी, लेकिन आपको इसे वक्त देना होगा। अगर उतना वक्त दे सकते हैं, तभी आज खरीदें। और अगर कुछ इंतजार करके निचले भावों पर खरीदेंगे तो प्रतिशत लाभ बेहतर हो जायेगा! Rajeev Ranjan Jha 
(शेयर मंथन, 13 जनवरी 2014)

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