सरकारी पैकेजः कुछ करना था, इसलिए...
राजीव रंजन झा
सरकारी पैकेज आखिरकार आ गया। शनिवार को लाने की बात थी, थोड़ा टला और रविवार को आया। कुल मिलाकर सरकार ने सोचा-विचारा ज्यादा, किया कम। सरकारी उपायों की घोषणा करने वाले योजना आयोग उपाध्यक्ष मोंटेक सिंह अहलूवालिया ने यह बात तो ठीक कही कि 7% विकास दर की संभावना दिखने की वजह से हम आत्मसंतुष्ट नहीं हो सकते, इसलिए विकास दर को कम कर सकने वाली समस्याएँ सामने आने से पहले हम कदम उठाना चाहते हैं। लेकिन फिलहाल जो कदम उन्होंने सामने रखे हैं, वे पहाड़ जैसी समस्या के सामने राई जितने हैं।