स्टरलाइट इंडस्ट्रीज (Sterlite Industries) के तूतीकोरिन स्थित ताँबा संयंत्र को लेकर मुसीबतों का दौर जारी है।
नेशनल ग्रीन ट्राइब्यूनल (National Green Tribunal) ने तूतीकोरिन के ताँबा संयंत्र की जाँच के लिए समिति बनाने का निर्णय दिया है। समिति अपनी रिपोर्ट 29 अप्रैल 2013 तक ट्राइब्यूनल को सौपेगी। ट्राइब्यूनल ने अपने फैसले में कहा है कि प्लांट को केवल जाँच करने के लिए खोला जा सकता है। अभी इस संयंत्र में कोई उत्पादन कार्य नहीं होगा। यह संयंत्र 30 मार्च 2013 से बंद चल रहा है।
उच्चतम न्यायालय ने कंपनी के तूतीकोरिन संयंत्र पर लगी रोक को हटाने का आदेश दिया था। उच्चतम न्यायालय ने 2010 में पर्यावरण नियमों के उल्लंघन की वजह से कंपनी के तूतीकोरिन संयंत्र को बंद करने संबंधी फैसले को खारिज कर दिया था। उच्चतम न्यायालय ने कंपनी पर पर्यावरण को नुकसान पहुँचाने के एवज में 100 करोड़ रुपये के जुर्माने का आदेश दिया था। कंपनी को इस जुर्माना राशि का 5 वर्षों के भीतर भुगतान करना होगा। हालाँकि यह स्पष्ट किया गया कि उच्चतम न्यायालय का यह फैसला तमिलनाडु प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (Tamilnadu Pollution Control Board) के उस फैसले से अलग है, जिसमें कंपनी के तूतीकोरिन संयंत्र से हानिकारक गैस रिसाव की वजह से संयंत्र को बंद करने का आदेश दिया गया था। गैस रिसाव की वजह से स्थानीय लोगों में आँखों में जलन, साँस लेने में दिक्कत और गला सूखने जैसी शिकायतें आ रही थी। हालाँकि कंपनी ने एक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर संयंत्र से हानिकारक गैस रिसाव को नकारते हुए संयंत्र को पूरी तरह से पर्यावरणीय सुरक्षा मानकों पर आधारित बताया था। कंपनी ने इस विज्ञप्ति में सामान्य जन को ऐसी किसी भी अफवाहों पर विश्वास न करने की अपील की थी।
शेयर बाजार में स्टरलाइट इंडस्ट्रीज का शेयर आज एकदम सपाट रहा। बीएसई में कंपनी के शेयर भाव 88.50 रुपये पर बंद हुआ। (शेयर मंथन, 12 अप्रैल 2013)
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