भारतीय शेयर बाजार हल्की गिरावट के साथ बंद
कारोबारी हफ्ते के दूसरे दिन भारतीय शेयर बाजार हल्की गिरावट के साथ बंद हुए। बीएसई सेंसेक्स 39 अंकों की गिरावट के साथ 9,071 पर रहा। निफ्टी 28 अंकों की कमजोरी के साथ 2,745 पर बंद हुआ। भारतीय शेयर बाजारों में आज के कारोबार की शुरुआत गिरावट के साथ हुई, लेकिन जल्दी ही ये हरे निशान में आ गये। मंगलवार सुबह घोषित किये गये आईटी क्षेत्र की दूसरी सबसे बड़ी कंपनी इन्फोसिस के तिमाही नतीजे की वजह से शेयर बाजार में कुछ उत्साह नजर आया, लेकिन कारोबार के अंतिम घंटों में हल्की गिरावट आ गयी। आज इन्फोसिस कंपनी के शेयर 6.4% की तेजी के साथ 1,230.20 पर बंद हुए।
प्राइवेट इक्विटी कंपनियों ने बीते साल के दौरान कुल 399 सौदों में 10.79 अरब डॉलर का निवेश किया है, जबकि साल 2007 में 439 सौदों में कुल 14 अरब डॉलर का निवेश किया गया था। इस रकम में वेंचर कैपिटल (वीसी) निवेश भी शामिल है, लेकिन रियल एस्टेट में प्राइवेट इक्विटी निवेश को इसमें नहीं जोड़ा गया है। रिसर्च कंपनी वेंचर इंटेलिजेंस ने अपनी ताजा रिपोर्ट में यह जानकारी दी है। इस तरह 2008 के दौरान प्राइवेट इक्विटी और वेंचर कैपिटल सौदों की संख्या में 9.1% और उनके निवेश की कुल रकम में 29.75% की कमी आयी है।
अरविंद पृथी, ब्रोकिंग हेड (दिल्ली), कार्वी स्टॉक ब्रोकिंग
देश की दूसरी सबसे बड़ी आईटी कंपनी इन्फोसिस के तिमाही नतीजे बाजार की उम्मीदों से काफी बेहतर निकले हैं। यही नहीं, कंपनी ने पूरे कारोबारी साल के लिए जो अनुमान सामने रखे हैं, उन्हें भी निराशाजनक नहीं कहा जा सकता है। कंपनी ने 2008-09 के दौरान अपनी आमदनी 21,552-21,757 करोड़ रुपये के दायरे में रहने का अनुमान जताया है, जो सालाना आधार पर 29.1-30.3% की बढ़ोतरी दिखाता है।
सत्यम कंप्यूटर के नये बोर्ड ने अपनी पहली बैठक में यह फैसला किया है कि अगले 48 घंटों के भीतर अपना नया स्वतंत्र ऑडिटर नियुक्त करेगी। साथ ही यह भी संकेत दिया गया है कि सरकार जल्दी ही बोर्ड में कुछ नये सदस्यों को नामांकित कर सकती है। यह जानकारी आज बोर्ड की बैठक पूरी होने के बाद डॉ.दीपक पारिख, किरण कर्णिक और सी अच्युतन ने संवाददाता सम्मेलन में दी। केंद्र सरकार ने कल ही तीन सदस्यों वाले नये बोर्ड का गठन किया था। इसके बाद आज यह बोर्ड की पहली बैठक थी।
फिक्की ने कहा है कि नवंबर के औद्योगिक आँकड़े इस बात का विश्वास जगाते हैं कि अर्थव्यवस्था में दिख रहे धीमेपन को काबू में किया जा सकता है। फिक्की ने छोटे और मँझोले उद्यमों के लिए विशेष सहायता दिये जाने की माँग करते हुए कहा है कि उचित दरों पर कर्ज की अनुपलब्धता की वजह से इस क्षेत्र पर बुरा असर पड़ा है। फिक्की महासचिव डॉक्टर अमित मित्रा ने कहा है कि सरकार द्वारा दी गयी राहत योजनाओं का अर्थव्यवस्था पर सकारात्मक असर पड़ रहा है। उन्होंने यह सुनिश्चित करने की माँग की है कि राहत योजना के प्रावधानों को प्रभावी तरीके से लागू किया जाये।