एफएमसीजी (FMCG) कंपनी डाबर ने एक बड़े अधिग्रहण का ऐलान किया है। इस अधिग्रहण योजना के तहत 'बादशाह' मसाले का अधिग्रहण करेगी। कंपनी बादशाह मसाले में 51 फीसदी हिस्से का अधिग्रहण करेगी।
कंपनी इस अधिग्रहण के लिए कंपनी 587.52 करोड़ रुपये का निवेश करेगी। कंपनी इस अधिग्रहण के साथ ही तेजी से वृद्धि कर रहे मसाले और सीजनिंग कैटेगरी में उतरेगी। कंपनी ने अधिग्रहण के लिए बादशाह मसाला प्राइवेट लिमिटेड के साथ तय शर्तों के साथ खरीद समझौता किया है। आपको बता दें कि बादशाह मसाला का कारोबार ग्राउंड मसाले, मिश्रित मसाले के उत्पादन, बिक्री और निर्यात का है। कंपनी ने यह अधिग्रहण खाद्य क्षेत्र से जुड़े एक नए कैटेगरी में रणनीतिक तौर पर प्रवेश करने के मकसद किया है। बादशाह एंटरप्राइज की मौजूदा वैल्यू 1152 करोड़ रुपये है। कंपनी बाकी के 49 फीसदी का अधिग्रहण आगे के 5 सालों में करेगी। कंपनी इस नए अधिग्रहण के जरिए अपने फूड कारोबार को 3 साल में 500 करोड़ रुपये तक ले जाएगी। साथ ही नए कैटेगरी में भी उतरने की कंपनी की योजना है। आपको बता दें कि ब्रांडेड मसाले का कारोबार 25,000 करोड़ रुपये का है। इस अधिग्रहण के बाद डाबर दूसरे एफएमसीजी कंपनियां जैसे इमामी, टाटा कंज्यूमर प्रोडक्ट्स और आईटीसी (ITC) के साथ मसाले कारोबार में शामिल हो जाएगी। भारत में मसाले के कारोबार में पारंपरिक तौर पर खुले तौर पर बिक्री से धीरे-धीरे ब्रांडेड और पैकेज्ड उत्पादों की तरफ बढ़ रहे हैं। ग्राहकों के पास घर पर अब मसाला पिसने के लिए समय नहीं बचा है। साथ ही सुविधा और सुरक्षित होने से से भी ग्राहकों का रुझान पैकेज्ड और ब्रांडेड मसालों की तरफ बढ़ रहा है।
बादशाह मसाला प्राइवेट लिमिटेड का गठन 1958 में हुआ था। साल 2021-22 में कंपनी की आय 189.1 करोड़ रुपये थी। झावेरी परिवार की अगुवाई वाली कंपनी की करीब 82 फीसदी आय मिश्रित मसालों से आती है। कंपनी की 2 मसाला उत्पादन इकाई है जो गुजरात में स्थित है। डाबर भारत की चौथी सबसे बड़ी एफएमसीजी कंपनी है। कंपनी का वित्त वर्ष 2022 में 10,888.68 करोड़ रुपये की आय थी। कंपनी का आयुर्वेदिक और नेचुरल हेल्थकेयर कारोबार भी है। कंपनी के पोर्टफोलियो में 250 से ज्यादा हर्बल और आयुर्वेदिक उत्पाद शामिल हैं।
इसके अलावा कंपनी की इंदौर इकाई में करीब 325.87 करोड़ रुपये का निवेश करेगी। कंपनी इस इकाई में लाल टूथपेस्ट और एक लीटर जूस पैक्स का उत्पादन करेगी।साथ ही पहले से उतपादित हो रहे जूस की उत्पादन क्षमता को बढ़ाएगी। इकाई का क्षमता विस्तार डेढ़ साल में पूरा होगा। इस इकाई से उत्पादन 2024 के मार्च से शुरू हो जाएगा। कंपनी आंतरिक स्रोतों से क्षमता विस्तार के लिए फंड जुटाएगी। पिछले साल कंपनी ने इंदौर इकाई में 550 करोड़ रुपये निवेश का ऐलान किया था।
(शेयर मंथन, 28 अक्टूबर 2022)
Add comment