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तुहिन कांत पांडे बने सेबी के नये प्रमुख, लेंगे माधबी पुरी बुच की जगह

केंद्र सरकार ने वित्त सचिव तुहिन कांत पांडे को बाजार नियामक भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) का नया चेयरमैन नियुक्त किया है। पांडे की नियुक्ति को केंद्रीय मंत्रिमंडल की नियुक्ति समिति ने गुरुवार को मंजूरी दी थी। वह मौजूदा सेबी प्रमुख माधबी पुरी बुच की जगह लेंगे, जिनका कार्यकाल 1 मार्च 2025 को समाप्त हो रहा है।

आर्थिक तरक्की में नयी जान फूँक सकते हैं जीडीपी आँकड़े, तीसरी तिमाही में 6.2% हुई वृद्धि

चालू वित्त वर्ष 2024-25 की तीसरी तिमाही में देश की जीडीपी वृद्धि दर 6.2% रही है, जो भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए राहत की खबर है। राष्ट्रीय सांख्यिकी विभाग (एनएसओ) ने शुक्रवार (28 फरवरी) को अक्टूबर-दिसंबर 2024 की तीसरी तिमाही में जीडीपी वृद्धि के आँकड़े जारी किये। ये आँकड़ शेयर बाजार के बंद होने के बाद जारी किये गये।

म्यूचुअल फंड निवेश : चिल्ड्रेन फंड से दूर करें बच्चों की उच्च शिक्षा के खर्च कर चिंता

आम आदमी के बड़े सपनों को पूरा करने का आसान और टिकाऊ जरिया हैं म्यूचुअल फंड। सोच-विचार कर नियोजित तरीके से इनमें निवेश किया जाये तो मकान, कार, बच्चों की पढ़ाई और उनकी शादी तक का इंतजाम किया जा सकता है। बच्चों की शिक्षा के लिए चिंतित माता-पिता के लिए चिल्ड्रन फंड एक अच्छा विकल्प साबित हो सकते हैं।

केबल और वायर के नये कारोबार में उतरेगी अल्ट्राटेक, 1800 करोड़ रुपये के निवेश की योजना

आदित्य बिड़ला समूह हर क्षेत्र में अपने पाँव पसारने की तैयारी कर रहा है। पेंट के बाद अब उसकी नजर वायर और केबल कारोबार पर है। एबी ग्रुप की कंपनी अल्ट्राटेक इस क्षेत्र में 1800 करोड़ रुपये के निवेश के साथ उतरने की तैयारी में है।

एफबीआई का दावा, 13 हजार करोड़ रुपये की क्रिप्टो चोरी के पीछे उत्तर कोरिया का हाथ

नेटफ्लिक्स पर आयी फिल्म मनी हीस्ट की तर्ज पर करोड़ों रुपये मूल्य की क्रिप्टो करेंसी की चोरी का मामला सामने आया है। मुख्य अमेरिकी जाँच एजेंसी फेडरल ब्यूरो ऑफ इनवेस्टिगेशन (एफबीआई) ने इसके पीछे उत्तर कोरिया के लाजारस सूमह का हाथ होने का दावा किया है। इसे दुनिया की सबसे बड़ी क्रिप्टो चोरी बताया जा रहा है।

माइक्रोफाइनेंस सेक्टर में एनपीए संकट बढ़ा, दिसंबर में एनबीएफसी को 50,000 करोड़ का नुकसान

छोटी-मोटी निजी जरूरतों के लिए माइक्रोफाइनेंस कंपनियाें से आसान शर्तों पर ऋण मिल जाता है। मगर पिछले कुछ समय से इन कंपनियों से कर्ज लेने वाले समय से नहीं चुका पा रहे हैं, जिससे डिफॉल्टर की संख्या बढ़ गयी है और एनबीएफसी सेक्टर का एनपीए दिसंबर तक 50,000 करोड़ रुपये पर पहुँच गया है।

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