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शेयर बाजार में दिख रही हैं चिंता की रेखाएँ

राजीव रंजन झा : मई के दूसरे हफ्ते में शुरू होने वाली उछाल के बाद से लेकर पहली बार शेयर बाजार की पेशानी पर मुझे चिंता की कुछ गहरी लकीरें दिख रही हैं।

बाजार ने 9 मई से जो उछाल शुरू की थी, उसके बाद से पहली बार सेंसेक्स (Sensex) और निफ्टी (Nifty) दोनों ही 10 दिनों के सिंपल मूविंग एवरेज (एसएमए) और 20 एसएमए के नीचे बंद हुए हैं। सेंसेक्स हाल में 23 जून को इन दोनों एसएमए के नीचे बंद हुआ था, पर उस दिन इसका बंद स्तर 20 एसएमए के बेहद पास था। वहीं उस दिन निफ्टी 20 एसएमए के कुछ ऊपर ही बंद हुआ था। अगले दिन ये दोनों सँभल भी गये थे।

लेकिन कल गुरुवार को सेंसेक्स और निफ्टी दोनों ही साफ तौर पर 10 एसएमए और 20 एसएमए दोनों के ठीक-ठाक नीचे बंद हुए हैं। बेशक, यह कहा जा सकता है कि कल की कमजोरी पूरे बाजार में नहीं बल्कि खास तौर पर तेल-गैस क्षेत्र के दिग्गज शेयरों में ज्यादा थी। इसलिए शुक्रवार की चाल भी देख लेने के बाद अपनी राय बनाना बेहतर होगा। लेकिन गुरुवार की गिरावट ने एक खटका पैदा कर दिया है।

बात केवल मूविंग एवरेज रेखाओं की नहीं है। सेंसेक्स और निफ्टी 11 जून को अपने नये उच्चतम स्तर बनाने के बाद से एक गिरती रुझान पट्टी (ट्रेंड चैनल) के अंदर फँस गये हैं। इस हफ्ते के पहले दिन सोमवार 23 जून को भी मैंने लिखा था कि “बीते दो हफ्तों के दौरान सेंसेक्स के जो ऊपरी स्तर दिख रहे हैं, उनको मिलाने वाली रुझान रेखा खींचें तो अभी वह 25,500 के कुछ ऊपर है और हर दिन थोड़ा नीचे आ रही है।” इस पूरे हफ्ते के दौरान सेंसेक्स इस रुझान रेखा की बाधा पर अटक कर पलटता नजर आया है।

अगर बाजार को इस समय नयी तेजी की चाल पकड़नी है तो इसे मौजूदा गिरती पट्टी से ऊपर निकलना होगा और अपने सबसे ताजा शिखर को पार करना होगा। ये शर्तें तभी पूरी होंगी जब सेंसेक्स बुधवार 25 जून के ऊपरी स्तर 25,428 के ऊपर निकले। इसी तरह निफ्टी जब 24 जून के ऊपरी स्तर 7,593 या मोटे तौर पर 7,600 के ऊपर निकले, तभी ऐसा भरोसा किया जा सकेगा।

मैंने 23 जून को यह भी लिखा था कि सेंसेक्स ने 11 जून को 25,736 का उच्चतम स्तर बनाने के बाद जो सुस्ती दिखायी, उसमें वह मोटे तौर पर 25,000 के मनोवैज्ञानिक स्तर को बचाने की कोशिश करता रहा है। यह कोशिश इस हफ्ते लगातार दिखती रही। सेंसेक्स 23 जून को ही 24,879 तक फिसला था, पर अंत में 25,000 के ऊपर ही बंद हुआ। कल यह 25,021 तक फिसलने के बाद 25,063 पर बंद हुआ है।

अगर सेंसेक्स आज फिर से 25,000 के नीचे फिसलता दिखा, तो यह कमजोरी बढ़ने की निशानी होगी। हालाँकि 23 जून के ताजा निचले स्तर 24,879 को इसके बाद का महत्वपूर्ण स्तर माना जा सकता है। दरअसल 23 जून का यह निचला स्तर 8 मई की तलहटी 22,277 से 11 जून को बने शिखर 25,736 तक की उछाल की 23.6% वापसी 24,920 के काफी पास है। इसलिए अगर सेंसेक्स 24,920 और फिर 24,879 को भी तोड़े तो स्वाभाविक होगा कि यह 38.2% वापसी के स्तर 24,415 की ओर जाने का प्रयास करे। आने वाले हफ्तों में सेंसेक्स की गिरती पट्टी का निचला छोर भी उन्हीं स्तरों की ओर जाता दिख रहा है।

निफ्टी के चार्ट पर देखें तो 8 मई की तलहटी 6,639 से 11 जून के शिखर 7,700 तक की उछाल की 23.6% वापसी 7,450 पर है। निफ्टी ने 23 जून को इसके पास ही 7,442 पर सहारा लिया। अब अगर यह 7450 और फिर 7,442 से नीचे गया तो 38.2% वापसी के स्तर 7,295 की ओर जाना स्वाभाविक होगा।

इस तरह मोटे तौर पर अगर सेंसेक्स 24,500 और निफ्टी लगभग 7300 तक चला गया तो वहाँ इन्हें 50 एसएमए से मजबूत सहारा मिलने की उम्मीद रहेगी। सेंसेक्स का 50 एसएमए अभी 24,000 के कुछ ऊपर है, लेकिन हर दिन लगभग 50 अंक ऊपर चढ़ रहा है। निफ्टी का 50 एसएमए अभी 7,200 को छूने जा रहा है और हर दिन लगभग 15 अंक चढ़ रहा है। इसलिए अगले कुछ दिनों में सेंसेक्स और निफ्टी दोनों के 50 एसएमए ऊपर बतायी गयी 38.2% वापसी के स्तरों के पास चले जायेंगे। इन दोनों बातों का संगम वहाँ मजबूत सहारा बना सकता है। Rajeev Ranjan Jha

(शेयर मंथन, 27 जून 2014)

 

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