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सत्यम के साथ विलय की बातें निराधार: माइंडट्री

बैंगलुरु-स्थित आईटी कंपनी माइंडट्री ने विभिन्न समाचार माध्यमों में सत्यम कंप्यूटर्स के साथ इसके विलय की संभावना के बारे में आ रही खबरों का खंडन किया है। बीएसई को दी गयी विज्ञप्ति में माइंडट्री ने कहा है कि सत्यम के साथ विलय की बातचीत की खबर निराधार है।

धातु शेयरों में मजबूती, हिंदुस्तान जिंक में 7.5% की बढ़त

कारोबारी हफ्ते के पहले दिन बीएसई में धातु शेयरों में मजबूती दिख रही है। बीएसई में दोपहर 1.43 बजे बैंकिंग सूचकांक में 2.96% की मजबूती है। इस क्षेत्र में सबसे ज्यादा उछाल हिंदुस्तान जिंक में है, जो 26.60 रुपये या 7.47% की मजबूती के साथ 382.70 रुपये पर था। जिंदल सॉ में 6.35%, स्टरलाइट इंडस्ट्रीज में 6.2%, गुजरात एनआरई कोक में 4.8%, सेसा गोवा में 3.8 और हिंडाल्को इंडस्ट्रीज में 3% की मजबूती थी। टाटा स्टील, जिंदल स्टील, जय कॉप, नेशनल एल्युमिनियम और जेएसडब्लू स्टील में भी 1% से अधिक की तेजी थी। 

बैंकिंग शेयरों में बढ़त

भारतीय शेयर बाजारों में सप्ताह के पहले दिन के कारोबार में बैंकिंग शेयरों में बढ़त का रुख दिख रहा है। बीएसई में दोपहर 12.34 बजे बैंकिंग सूचकांक में 3% से अधिक की मजबूती है। गौरतलब है कि शुक्रवार शाम को भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने ब्याज दरों में कटौती की घोषणा की थी। यदि सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों की बात करें, तो इस समय देना बैंक में 13.4%, विजया बैंक में 8.5%, यूको बैंक में 7%, बैंक ऑफ महाराष्ट्रा में 4.9%, इंडियन ओवरसीज बैंक में 4.2% और एसबीआई में 3%की मजबूती है।

आईवीआरसीएल को 260 करोड़ के ठेके

आईवीआरसीएल इन्फ्रा ने 260.46 करोड़ रुपये के ठेके हासिल किये हैं। कंपनी ने बीएसई को भेजी गयी एक विज्ञप्ति में सूचित किया है कि इसके बिंल्डिंग्स एंड इंडस्ट्रियल स्ट्रक्चर्स डिवीजन को 206.60 रुपये का ठेका मिला है, जबकि कंपनी के वाटर डिवीजन को 53.86 करोड़ रुपये का ठेका हासिल हुआ है।

सरकार का साथ बस इतना

राजीव रंजन झा

केंद्र सरकार ने अपने आर्थिक पैकेज की दूसरी किश्त का ऐलान कर दिया है और साथ ही कह दिया है कि अब हमसे मार्च तक कोई उम्मीद न रखें। व्यावहारिक रूप से इसका मतलब यह है कि अब मौजूदा सरकार से कोई उम्मीद न रखें, क्योंकि मार्च पूरा होने के बाद सरकार चुनावी आचार संहिता की डोरी में बँधी रहेगी। हालाँकि आरबीआई की ओर ब्याज दरों में कटौती की गुंजाइश बाकी बची रहेगी। लेकिन वास्तव में अब अगले कुछ महीनों तक आरबीआई की ओर से दरों में कोई बड़ी कमी किये जाने की उम्मीद करना बेमानी है। जैसा कि कुछ ब्रोकिंग फर्मों ने आर्थिक पैकेज और ब्याज दरों में कटौती पर जारी अपनी रिपोर्टों में कहा है, आरबीआई की ओर से दरों में कटौती का मौजूदा चक्र पूरा हो गया लगता है।

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