कच्चे तेल के भाव में गिरावट जारी है। न्यूयार्क मर्केटाइल एक्सचेंज में सोमवार को कच्चा तेल 54.95 डॉलर प्रति बैरल के स्तर पर बंद हुआ। विशेषज्ञों का मानना है कि विकसित देशों में कच्चे तेल की मांग में कमी आई है। साथ ही साथ जापान में आई मंदी का भी असर पड़ा है।
शंकर शर्मा फर्स्ट ग्लोबल के निदेशक हैं और भारतीय शेयर बाजार के कुछ बेहद चमकदार नामों में से एक हैं। हाल में उनकी बातों का वजन कुछ इसलिए भी बढ़ा है, क्योंकि सेंसेक्स के चार अंकों में लौटने की बात उन्होंने तब कही थी, जब जनवरी-फरवरी के झटकों के बाद सेंसेक्स 17,000 के आसपास चल रहा था। तब शायद ही किसी को इस बात पर यकीन था।
जी-20 सम्मेलन में कोई महत्वपूर्ण घोषणा न किये जाने के प्रति वैश्विक शेयर बाजारों ने निराशा प्रकट की है। विभिन्न वित्तीय संस्थाओं द्वारा नौकरियों में की जा रही कटौती की लगातार घोषणाओं के बीच सप्ताह के पहले कारोबारी दिन सोमवार को डॉव जोंस 2.63% की गिरावट के साथ बंद हुआ। नैस्डैक में भी 2.29% की गिरावट रही। यूरोप में एफटीएसई 100 में 2.38% की कमजोरी रही। डैक्स और कैक 40 भी 3% से अधिक कमजोरी के साथ बंद हुए। मंगलवार सुबह भारतीय समयानुसार 8 बजे शंघाई कंपोजिट को छोड़ कर शेष एशियाई बाजारों में गिरावट है। शंघाई कंपोजिट लगभग 1% ऊपर चल रहा है। निक्केई, कॉस्पी और ताइवान वेटेड में लगभग 2% की कमजोरी है। स्ट्रेट टाइम्स लगभग 1% नीचे चल रहा है।
कच्चे तेल के भाव में गिरावट आयी है। न्यूयार्क मर्केटाइल एक्सचेंज में शुक्रवार को कच्चा तेल 57.04 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गया। विशेषज्ञों का मानना है कि ऐसा इसलिए हुआ है कि जी20 की बैठक में कोई ठोस कदम की घोषणा नहीं हो पायी। इसी वजह से अब निवेशकों को समझ में नहीं आ रहा कि इस वैश्विक मंदी का मुकाबला किस तरह किया जाएगा।
ब्रिटिश टेलीकॉम के कर्मचारियों की छंटनी की घोषणा किये जाने के बाद कामगारों के लिए एक और बुरी खबर यह है कि सिटी ग्रुप भी 10,000 और कर्मचारियों की छंटनी करने तैयारी में है। वॉल स्ट्रीट जर्नल की एक रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिकी कंपनी सिटी ग्रुप में 10,000 और कर्मचारियों की छंटनी की योजना है। यह छंटनी सिटी ग्रुप के इनवेस्टमेंट बैंक और दूसरे डिवीजन्स में की जानी है। अगर ऐसा हुआ तो सिटी ग्रुप द्वारा की गयी छंटनी का आंकड़ा साल 2008 में 23,000 तक पहुंच जायेगा।
गुरुवार को दूरसंचार क्षेत्र की कंपनी ब्रिटिश टेलीकॉम (बीटी) ने 10 हजार कर्मचारियों की छंटनी की घोषणा की है। कंपनी ने स्पष्ट किया है कि भारत में स्थित उसके कर्मचारियों की नौकरी पर फिलहाल कोई खतरा नहीं है। कंपनी की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि इस छंटनी से प्रभावित होने वाले ज्यादातर लोग ब्रिटिश हैं। देश के हिसाब से सही-सही आंकड़ा देना अभी संभव नहीं है, लेकिन इतना जरूर है कि भारत में लोगों को नहीं हटाया जा रहा है। लगभग 600 लोग भारत में बीटी की नौकरी करते हैं।
यूरोप की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था जर्मनी द्वारा आधिकारिक रूप से मंदी में पहुंचने की स्वीकारोक्ति के बाद अब इटली भी इसी राह पर आ गया है। इटली सरकार द्वारा जारी आंकड़े के अनुसार, पिछली तिमाही के तुलना में जुलाई-सितंबर तिमाही में इटली की जीडीपी 0.5% सिकुड़ गयी है। यदि पिछले साल की जुलाई-सितंबर तिमाही से तुलना करें, तो जीडीपी में 0.9% की कमी आयी है। इससे पहले अप्रैल-जून तिमाही में भी इटली की जीडीपी में नकारात्मक विकास दर दर्ज की गयी थी।
गुरुवार को अमेरिकी बाजारों में आयी भारी उछाल के बाद शुक्रवार को एशियाई शेयर बाजारों में भी मजबूती दर्ज की गयी। चीन के शंघाई कंपोजिट सूचकांक में 3% से अधिक की उछाल रही। जापान का निक्केई 2.72% की बढ़त के साथ बंद हुआ, जबकि हांगकांग के हैंग सेंग सूचकांक में 2.43% की मजबूती रही। ताइवान वेटेड में भी 0.34% की हल्की बढ़त रही। अपवाद रहा दक्षिण कोरिया का कॉस्पी, जो नीचे की ओर लगभग सपाट बंद हुआ। भारतीय समयानुसार 2.30 बजे बीएसई का सेंसेक्स लगभग 100 अंक नीचे चल रहा है। उधर यूरोपीय बाजारों में शुक्रवार की शुरुआत मजबूती के साथ हुई है। इस समय एफटीएसई 100, कैक 40 और डैक्स सूचकांक 2.5-3.5% की बढ़त पर चल रहे हैं।
न्यूयार्क मर्केटाइल एक्सचेंज में गुरुवार को कच्चा तेल उछाल के साथ बंद हुआ। कच्चा तेल 58.24 डॉलर प्रति बैरल के स्तर पर बंद हुआ। यह बुधवार को 56.16 डालर प्रति बैरल पर बंद हुआ था। वहीं गुरुवार को कच्चा तेल वायदा में 4 डॉलर प्रति बैरल का उछाल आया और कच्चा तेल फिर 60 डॉलर प्रति बैरल के पास पहुंच गया। लेकिन विशेषज्ञों का मानना है कि कच्चे तेल में ये तेजी लंबे समय तक नहीं रहेगी, क्योंकि कारोबारियों के मन से मंदी का डर जल्दी नहीं जायेगा।
पूरे 21 हफ्तों के बाद भारत में महंगाई दर 10% के नीचे वापस लौटी है। इसलिए पूरी उम्मीद रहेगी कि बाजार इसका एक जश्न मनायेगा। एक दिन की छुट्टी के दौरान भारत कल दुनिया भर के लाल निशानों की मार से बचा रह गया था। आज अंतरराष्ट्रीय बाजारों में तस्वीर पलट चुकी है और चारों तरफ हरियाली दिख रही है। इसलिए एक सकारात्मक माहौल में महंगाई दर की इस अप्रत्याशित कमी का फायदा मिलना स्वाभाविक ही है।
महँगाई दर के बेहतर आंकड़ों और मजबूत वैश्विक संकेतों की वजह से आज का बाजार थोड़ा ऊपर खुलेगा। सिंगापुर में निफ्टी वायदा बुधवार को एनएसई में निफ्टी के बंद स्तर से लगभग 65 अंक ऊपर है। यह भी बेहतर संकेत है।
तीन दिनों की बिकवाली के बाद निवेशकों ने गुरुवार को फिर से उत्साह दिखाया, जिसकी वजह से डॉव जोंस में 552 अंकों की मजबूती दर्ज की गयी। अमेरिकी बाजारों की इस मजबूती के बाद शुक्रवार की सुबह एशियाई बाजारों में भी हरियाली है।