आज के कारोबार के बारे में मेरा मानना है कि बाजार मजबूती के साथ खुलेंगे, क्योंकि वैश्विक संकेत अच्छे दिख रहे हैं। लेकिन दोपहर बाद यदि यूरोपीय बाजारों में गिरावट का रुख देखने को मिला, तो हो सकता है कि हमारे यहाँ भी मुनाफावसूली शुरू हो जाये।
ब्याज दरें ऊपर चढ़ने का चक्र पूरा हो चुका है और अब इनके नीचे जाने का समय आ चुका है – यह बात सबसे पहले जिन लोगों ने कही थी उनमें आईसीआईसीआई बैंक के एमडी के वी कामत शामिल हैं।
गुरुवार को कई नकारात्मक खबरों के बीच एक बार फिर अर्थव्यवस्था में मंदी की चिंता अमेरिकी निवेशकों पर हावी होती दिखी, जिससे डॉव जोंस में 443 अंकों की बड़ी गिरावट आयी। आज सुबह एशियाई बाजारों में भी गिरावट दिख रही है।
कल भारतीय बाजार में आयी कमजोरी को मोटे तौर पर एक सुधार (करेक्शन) के रूप में समझा जा सकता है, क्योंकि जब कोई बाजार 6 कारोबारी सत्रों में लगभग 42% मजबूत हो जाये, तो बाजार में आयी ऐसी बढ़त कभी टिका नहीं करती। आज के बाजार के बारे में मेरा मानना है कि कमजोर वैश्विक संकेतों के मद्देनजर बाजार कमजोर खुलेंगे, हो सकता है कि बाद में कुछ वापसी देखने को मिल जाये।
कमजोर वैश्विक संकेतों की वजह से आज भारतीय शेयर बाजार नीचे खुले। गुरूवार को दिन भर उतार-चढ़ाव का क्रम बना रहा और सेंसेक्स ने एक बार फिर 10,000 का मनोवैज्ञानिक स्तर तोड़ दिया। बीएसई का सेंसेक्स 386 अंकों यानी 3.81% की गिरावट के साथ 9,734 पर बंद हुआ। जबकि एनएसई का निफ्टी भी 102 अंकों यानी 5.48% की तेजी के साथ 2,893 पर बंद हुआ। आज की गिरावट में सबसे ज्यादा योगदान धातु क्षेत्र, तेल व गैस, टीईसी, आईटी और बैंकिंग क्षेत्रों का रहा। धातु क्षेत्र में जहां आठ प्रतिशत से अधिक की गिरावट देखी गयी, वहीं बाकी क्षेत्रों के सूचकांक भी तकरीबन 3-5% की कमजोरी के साथ बंद हुए। बीएसई में रियल्टी और हेल्थकेयर ही ऐसे क्षेत्र रहे, जो कल की तुलना में कुछ मजबूती के साथ बंद हुए। आज सीएनएक्स मिडकैप 2.36% गिर कर बंद हुआ। इसी तरह बीएसई का मिडकैप सूचकांक 2.24% और स्मॉलकैप सूचकांक 2.13% की कमजोरी के साथ बंद हुए।
बुधवार को यूरोपीय और अमेरिकी शेयर बाजारों में आयी गिरावट का असर गुरुवार को एशियाई बाजारों पर स्पष्ट तौर पर दिखा और सभी एशियाई बाजार औंधे मुँह गिर गये। एक ओर जहां दक्षिण कोरिया के कॉस्पी में साढ़े सात प्रतिशत से अधिक की गिरावट दर्ज की गयी, वहीं हांगकांग के सूचकांक हैंग सेंग में भी सात प्रतिशत से अधिक की कमजोरी देखने को मिली। जापान के निक्केई सूचकांक ने एक बार फिर 9,000 का स्तर तोड़ दिया और साढ़े छः प्रतिशत की गिरावट के साथ 8,899 पर बंद हुआ। ताइवान वेटेड, स्ट्रेट टाइम्स और जकार्ता कंपोजिट में भी चार से छः प्रतिशत की कमजोरी दर्ज की गयी। लेकिन गिरावट की इस आँधी के बीच शंघाई कंपोजिट स्वयं को बचाने में कुछ हद तक कामयाब रहा और इसमें लगभग ढ़ाई प्रतिशत की गिरावट देखी गयी। भारतीय शेयर बाजार गिरावट के साथ खुले और दिन भर उतार-चढ़ाव का क्रम बना रहा। दिन भर के कारोबार के बाद सेंसेक्स 386 अंकों की गिरावट के साथ 9,734 पर बंद हुआ, वहीं निफ्टी 102 अंकों की कमजोरी के साथ 2,893 पर बंद हुआ।
कारोबारी हफ्ते के अंतिम दिन भारतीय बाजार में जबरदस्त तेजी रही। बीएसई का सेंसेक्स 744 अंक यानी 8.22% की शानदार बढ़त के साथ 9,788 पर बंद हुआ। एनएसई का निफ्टी भी 189 अंक या 7% की उछाल के साथ 2886 पर बंद हुआ। आज की तेजी में सबसे ज्यादा योगदान धातु, तेल-गैस, बैंकिंग, ऑटो और आईटी क्षेत्रों का रहा। बीएसई में इन सभी क्षेत्रों के सूचकांक तकरीबन 6-10% की शानदार उछाल के साथ बंद हुए।
आपने एक शेयर खरीदा था जिसके भाव काफी नीचे आ गये, तो अब उस शेयर को और खरीद कर अपनी औसत लागत घटानी चाहिए या नहीं?
अभी कुछ समय तो बिकवाली सौदे कटने का रुझान रहेगा। साथ ही मेरिल लिंच ने उभरते बाजारों (इमर्जिंग मार्केट) पर सकारात्मक रिपोर्ट दी है और इसमें भारत और चीन के चुनिंदा शेयरों के पक्ष में सलाह दी है, जिससे माहौल थोड़ा सुधरेगा।
भारतीय शेयर बाजार आज जबरदस्त उतार-चढ़ाव के बाद अंत में बेहद सपाट बंद हुआ। मजबूत अंतरराष्ट्रीय संकेतों के बीच आज सुबह सेंसेक्स ने मुहुर्त कारोबार के बंद स्तर 9008 की तुलना में तकरीबन 200-250 अंक तक की तेजी दिखायी। सुबह सेंसेक्स का खुला स्तर 9,298 का रहा, जहाँ सेंसेक्स 290 अंक मजबूत था और यही दिन का सबसे ऊँचा स्तर भी रहा। लेकिन बाजार खुलने के आधे घंटे बाद ही इसमें गिरावट शुरू हो गयी और घंटे भर के भीतर सेंसेक्स 8,900 के नीचे दिख रहा था। दरअसल इसी समय सेंसेक्स ने 8,894 का दिन का सबसे निचला स्तर भी छुआ।
बाजार ने कल जो बढ़त हासिल की थी, आज वह और आगे बढ़ सकती है। पूरी दुनिया में बाजारों में हद से ज्यादा बिकवाली हो चुकी थी, जिसके बाद बाजार कुछ वापस संभले हैं। कई देशों में ब्याज दरों में कटौती की उम्मीदों से भी सहारा मिला है। लेकिन मुझे लगता है भारतीय बाजार में यह तेजी शायद मोटे तौर पर 15% के आसपास की ही रहे। यानी सेंसेक्स करीब 10,500 तक जा सकता है।
अब शायद काफी लोगों ने कयास लगाना छोड़ दिया होगा कि बाजार और कितना गिर सकता है। बाजार फिसलने के बारे में जिन लोगों के अनुमान अब तक एकदम सटीक साबित होते लग रहे थे, यह गिरावट उनके अनुमानों से भी ज्यादा गहरी निकल रही है। इसलिए जब उनसे भी पूछा जाता है कि तलहटी बन गयी या नहीं, तो जवाब गोलमोल ही होता है! ऐसे बाजार में क्या करे एक आम निवेशक?
इस बार दीवाली के दिन मुहुर्त ट्रेडिंग शाम को 6.15 बजे से 7.15 बजे तक चलेगी। बीएसई की सूचना के मुताबिक सदस्यों के लिए लॉग-इन करने का समय शाम 5.15 बजे शुरू होगा। इसके बाद 6.15 बजे से कारोबार शुरू हो जायेगा और यह एक घंटे तक चलेगा। क्लोजिंग की अवधि शाम 7.15 से 7.25 बजे तक और पोस्ट-क्लोजिंग अवधि शाम 7.25 से 7.45 बजे तक रहेगी।
भारतीय शेयर बाजार के निवेशकों के लिए इस साल दीवाली की सारी रौनक फीकी पड़ गयी है। धन की देवी लक्ष्मी की आराधना के इस पर्व वाले हफ्ते की शुरुआत ऐसी खराब होगी, यह शायद पहले लोगों ने सोचा भी नहीं होगा। आज सुबह एशियाई बाजारों की कमजोरी के बीच भारतीय शेयर बाजार ने गिरावट के साथ शुरुआत की, हालांकि कुछ ही देरी में सेंसेक्स हरे निशान में आ गया। लेकिन यह हरियाली चंद मिनट भी नहीं टिक सकी और उसके बाद बेहद तेज रफ्तार से पूरे बाजार में कमजोरी आयी।
तमाम समर्थन स्तरों को तोड़ते हुए सेंसेक्स-निफ्टी 6-7% तक फिसल गये। सेंसेक्स 8,057 तक टूटा, जबकि निफ्टी ने 2363 का निचला स्तर छू लिया। हालांकि एक बार फिर इन निचले स्तरों से बाजार ने थोड़ी वापसी की है और फिलहाल सेंसेक्स करीब पौने पांच फीसदी नीचे चल रहा है।
आज की गिरावट में सबसे ज्यादा चोट बिजली, धातु, बैंक और एफएमसीजी क्षेत्रों को लगी है। बीएसई का बिजली क्षेत्र का सूचकांक करीब 8% लुढ़का है। इसी तरह धातु सूचकांक में 7.5% और बैंकिंग सूचकांक में 7% की कमजोरी है।