कमजोर कारोबारी गतिविधियों के बीच मंगलवार को जीरा वायदा अनुबन्ध सीमित दायरे में ही घटता-बढ़ता रहा।
कारोबारियों का मानना है कि आने वाले दिनों में जीरा की निर्यात माँग में सुधार आने से बाजार धारणा को समर्थन मिल सकता है।
इसके अलावा आगामी त्यौहारी सीजन में जीरे की घरेलू माँग और निर्यात माँग में तेजी देखने को मिल सकती है। इस कारण मध्यम अवधि के दौरान जीरे की कीमतों को समर्थन मिलने की उम्मीद जतायी जा रही है। जीरे के लिए रेलिगेयर का अनुमान है कि जीरे के निर्यात में सुधार आने की संभावना को देखते हुए बाजार धारणा को समर्थन मिलने की उम्मीद है।
एनसीडीईएक्स में अक्टूबर वायदा के लिए इसका कल का बंद भाव 16,055 रुपये था। रेलिगेयर के मुताबिक आज इसे 15,935 और फिर 15,820 पर सहारा मिलने की उम्मीद रहेगी। आज इसके लिए 16,140 रुपये और 16,240 रुपये पर बाधा है। (शेयर मंथन, 7 अक्टूबर 2015)
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