शेयर मंथन में खोजें

जीरे में तेजी, हल्दी की कीमतों में 9,000-9,540 रुपये के दायरे में कारोबार करने की संभावना - एसएमसी

निचले स्तर पर खरीदारी के कारण हल्दी वायदा (अप्रैल) की कीमतें सोमवार को मामूली बढ़त के साथ बंद हुई।

इसके पहले मुनाफा वसूली के कारण पाँच दिनों में कीमतों में लगभग 5% की गिरावट हुई थी। अब कीमतों के 9,000-9,540 रुपये के दायरे में कारोबार करने की संभावना है। अधिक कीमतों पर कमजोर माँग के कारण कीमतों को बाधा का सामना करना पड़ रहा है। हल्दी की कीमतें भौतिक बाजारों में स्थिर रहीं, जबकि यूक्रेन और रूस के बीच तनाव, जो यूरोप और अन्य गंतव्यों के लिए मसालों के निर्यात को बाधित कर सकता है, के कारण वायदा कीमतों में तेजी से गिरावट हुई। वर्तमान समय में देश में कम उत्पादन की उम्मीद पर कीमतें वर्ष-दर-वर्ष 12.6% अधिक हैं। वित्त वर्ष 2021-22 के पहले 9 महीनों (अप्रैल-दिसम्बर) में पिछले साल के मुकाबले 20.7% घटकर 1,16,400 टन निर्यात हुआ है, लेकिन 5 साल के औसत की तुलना में 8.8% अधिक है।
मुनाफा वसूली के कारण जीरा वायदा (मार्च) की कीमतों में सोमवार को 3.2% की गिरावट दर्ज की गयी है। अब कीमतें तेजी के रुझान के साथ 20,825-21,945 रुपये के दायरे में कारोबार कर सकती है। ऊँझा में पिछले हफ्ते में 10,000 बैग की तुलना में वर्तमान में 15,000-16,000 बैग की आवक हो रही है। बुआई क्षेत्र में गिरावट और घरेलू माँग में सुधार की खबरों के कारण वर्तमान में कीमतें वर्ष-दर-वर्ष 49.7% अधिक हैं। 2021-22 में, गुजरात में जीरा का रकबा केवल 3.07 लाख हेक्टेयर है, जबकि पिछले साल समान अवधि में 4.69 लाख हेक्टेयर था और दूसरे अग्रिम अनुमान के अनुसार उत्पादन पिछले वर्ष के 4 लाख टन की तुलना में 41% घटकर 2.37 लाख टन होने की उम्मीद है। सरकारी आँकड़ों के अनुसार अप्रैल-दिसम्बर में जीरा का निर्यात वर्ष-दर-वर्ष 24% घटकर 1.74 लाख टन रह गया है, जो पिछले वर्ष 2.30 लाख टन हुआ था।
आवक दबाव के कारण धनिया वायदा (अप्रैल) की कीमतें सोमवार को गिरावट के साथ बंद हुई। अब कीमतों के 10,750-11,120 रुपये के दायरे में कारोबार करने की संभावना है। भौतिक बाजार में कीमतें इस आधार पर स्थिर थीं कि यूक्रेन पर रूसी आक्रमण रोमानिया और बुल्गारिया से धनिया की आपूर्ति को प्रभावित कर सकता है, जिससे भारतीय बाजार का मदद मिलेगा। सीजन की फसल से आवक बढ़ने से धनिया की कीमतों पर अल्पावधि में दबाव बने रहने की संभावना है। वर्तमान में सामान्य की तुलना में कम रकबे के कारण उत्पादन में कमी की आशंका से कीमतें वर्ष-दर-वर्ष 48.3% अधिक हैं और जनवरी 2022 के बाद से 25% अधिक हैं। सरकारी आँकड़ों के अनुसार अप्रैल-दिसम्बर की अवधि के दौरान निर्यात पिछले साल के 43,100 टन से 13% घटकर 37,500 टन हुआ है, लेकिन 5 साल के औसत की तुलना में 11% अधिक है। (शेयर मंथन, 02 मार्च 2022)

 

Add comment

कंपनियों की सुर्खियाँ

निवेश मंथन : डाउनलोड करें

बाजार सर्वेक्षण (जनवरी 2023)

Flipkart

विश्व के प्रमुख सूचकांक

निवेश मंथन : ग्राहक बनें

शेयर मंथन पर तलाश करें।

Subscribe to Share Manthan

It's so easy to subscribe our daily FREE Hindi e-Magazine on stock market "Share Manthan"