विदेशी बाजारों का भारतीय बाजार पर असर - शोमेश कुमार
आने वाले दिनों में जल्द ही यह पता चल जायेगा कि अमेरिकी बाजारों की सुस्ती भारतीय बाजार पर कैसा असर डालेगीॽ भारतीय बाजार इसके असर से अछूते नहीं रहेंगे।
आने वाले दिनों में जल्द ही यह पता चल जायेगा कि अमेरिकी बाजारों की सुस्ती भारतीय बाजार पर कैसा असर डालेगीॽ भारतीय बाजार इसके असर से अछूते नहीं रहेंगे।
डॉव जोंस में जो 15 मार्च को निचला स्तर बना था, वो इसके लिए बहुत अच्छा सहारा बन गया है। हालाँकि अब भी इसमें 30,000 तक नीचे फिसलने का रास्ता खुला हुआ है। एस ऐंड पी 500 और नैस्डैक की परिस्थितियाँ भी सकारात्मक दिख रही हैं।
डॉव जोंस में जो रुकावट है उसके दूर होने के आसार बन रहे हैं। मगर ये जिन स्तरों पर है वहाँ पर तगड़ा कंजेशन जोन है। लेकिन ये उस स्तर से बाहर नहीं निकल पा रहा है। डॉव जोंस में अभी काफी मतबूती है।
अमेरिकी बाजार में स्थितियाँ अच्छी और नियंत्रण में नजर आ रही हैं। तीनों ही प्रमुख बाजारों में हालात सकारात्मक हैं, लेकिन हर जगह थोड़ा कूल-ऑफ आना चाहिए। ऐसा नहीं होगा तो अस्थिरता का जोखिम काफी बढ़ जायेगा।
डॉव जोंस में ऊपर 35000 और 35500 के स्तर तक और नीचे 32000-31500 तक का दायरा खुला हुआ है। इसमें मेरे हिसाब से कोई दिक्कत भी नहीं है। एसऐंडपी 500 में 4300 या 4500 के स्तर तक जाने के आसार हैं।