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अभी खतरे से बाहर नहीं है शेयर बाजार

राजीव रंजन झा : पिछले महीने सोमवार 27 जनवरी को, जिस दिन बाजार में काफी तीखी गिरावट आयी थी, मैंने सुबह बाजार खुलने से पहले ही अपने लेख में जिक्र किया था कि 6400-6450 के पास के मौजूदा स्तरों से निफ्टी में लगभग 1000-1100 अंकों की बड़ी गिरावट की संभावना बन सकती है।
तब शुक्रवार 24 जनवरी का बंद स्तर 6267 का था। वहाँ से निफ्टी चार फरवरी को 5933 तक फिसला, यानी 334 अंक या 5.33% नीचे गया। मैंने करीब 1000 अंकों की गिरावट की बात दिसंबर 2013 के शिखर 6415 से कही थी। अगर वहाँ से देखें तो निफ्टी 5933 के स्तर पर 482 अंक या 7.5% नीचे था। मैंने जितनी गिरावट की संभावना बतायी थी (देखें http://www.sharemanthan.in/index.php/rag-bazaari/28502-rajeev-ranjan-jha-column-20140127), उसकी लगभग आधी गिरावट तो आ चुकी है!
मैंने पिछले अंक में लिखा था कि “अगर निफ्टी आने वाले हफ्तों में 5972 से भी नीचे जाने लगे तो यह बाजार के लिए ज्यादा बड़े खतरे का संकेत होगा।” फरवरी के पहले हफ्ते में निफ्टी 5972 से नीचे गया, लेकिन 5933 पर एक तलहटी बना कर वापस सँभलता दिखा है। तो क्या मैं जिस बड़े खतरे की बात कर रहा था, वह टल गया है? अभी ऐसा मानना ठीक नहीं होगा। यहाँ एक दिलचस्प रुझान आपके सामने फिर से रखना चाहूँगा, जिसका जिक्र मैंने 17 जनवरी के राग बाजारी (देखें http://www.sharemanthan.in/index.php/rag-bazaari/28306-rajeev-ranjan-jha-column-20140117) में भी किया था। निफ्टी ने अगस्त 2013 में 5119 की तलहटी से सितंबर 2013 के शिखर 6143 तक 1024 अंकों की उछाल दर्ज की। इसके बाद की अगली उछाल अक्टूबर 2013 की तलहटी 5701 से नवंबर 2013 के शिखर 6333 तक की थी। अक्टूबर-नवंबर की यह उछाल 632 अंकों की थी, यानी अगस्त-सितंबर की उछाल की तुलना में 61.7% की।
इसके बाद निफ्टी की अगली तेजी नवंबर 2013 की तलहटी 5973 से दिसंबर 2013 में बने नये रिकॉर्ड स्तर 6415 तक की थी। यह चाल 442 अंकों की रही, जो फिर से पिछली उछाल की तुलना में छोटी थी। यह अक्टूबर-नवंबर की पिछली उछाल के 70% के बराबर थी।
अब निफ्टी ने फिर से 5933 से एक तेजी दिखायी है। लेकिन अगर अगस्त 2013 से अब तक का चलन जारी रहा तो इसकी मौजूदा उछाल शायद नवंबर-दिसंबर की 442 अंकों की उछाल के 70% यानी 311 अंकों से ज्यादा बड़ी न हो पाये। यानी इस मौजूदा उछाल की सीमा 5933 से 311 अंक तक की बढ़त यानी 6244 की बनती है। इसके अलावा, निफ्टी के दैनिक चार्ट पर 6356 का सबसे ताजा शिखर 23 जनवरी को बना जहाँ से इसने 5933 की तलहटी बनायी। इस गिरावट की 80% वापसी 6271 पर है। इस तरह 6244-6271 के बीच एक बाधा-क्षेत्र बन जाता है। गौरतलब है कि 27 जनवरी 2014 को निफ्टी ने 6186-6264 के बीच बड़े आकार का जो मंद अंतराल (गैप) बनाया है। वह भी इसी के आसपास है। कुल मिला कर ऐसा लगता है कि 6300 के ऊपर जाने पर ही निफ्टी में छोटी से मध्यम अवधि के लिए सकारात्मक रुझान बनने की उम्मीद जग सकेगी।
अगर निफ्टी जनवरी के शिखर 6356 के नीचे के ही किसी बिंदु से पलट कर वापस नीचे आने लगे तो 6415 और 6356 के बाद अगला निचला शिखर बन जायेगा। इस तरह दैनिक चार्ट पर लगातार निचले शिखर बनने का सिलसिला शुरू होगा जो कमजोरी का एक और स्पष्ट संकेत होगा। अगर अगले कुछ हफ्तों की बात करें तो 6100 के नीचे लौटने पर निफ्टी लगभग 5900 की ओर फिर से लौट सकता है। वहीं आज के एकदिनी कारोबार की बात करें तो वायदा निपटान (एक्सपायरी) का दिन होने के चलते कोई पूर्वानुमान लगाना जोखिम भरा लगता है। लेकिन 6190 के नीचे जाने पर मुनाफावसूली का दबाव इसे 6175 की ओर ले जा सकता है। उससे ज्यादा गिरावट बढ़ने पर इसका अगला पड़ाव 6150 और 6135 का हो सकता है। लेकिन अगर आज यह 6216 को पार करके आगे बढ़ सका तो 6260-70 तक जाने की गुंजाइश खुल सकती है। ध्यान रखें कि ये स्तर निफ्टी स्पॉट के हैं। Rajeev Ranjan Jha
(शेयर मंथन, 26 फरवरी 2014)

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