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जुलाई 2023 बाजार सर्वेक्षण

  • शर्मिला जोशी

    निवेश सलाहकार, चेशायर

    भारतीय बाजार आने वाले समय में नयी ऊँचाइयाँ छू सकता है। एक साल की अवधि में सेंसेक्‍स जहाँ 68000 पहुँच सकता है, वहीं निफ्टी 21500 के स्‍तर तक जा सकता है। अगले 12 महीनों में वैश्विक बाजारों के मुकाबले भारतीय बाजारों का प्रदर्शन उम्मीद से बेहतर रहने का अनुमान है।

  • सिद्धार्थ खेमका

    रिटेल रिसर्च प्रमुख, मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशिल सर्विसेज

    भारतीय बाजार को मजबूत अर्थव्यवस्था, स्वस्थ कॉर्पोरेट आय (अर्निंग), कम उतार-चढ़ाव और एफआईआई की निरंतर खरीदारी का लाभ मिल रहा है। बीते वित्त-वर्ष 2022-23 की चौथी तिमाही में कंपनियों की आय (अर्निंग) प्रभावशाली रही है। निफ्टी की आय में वृद्धि दर बीती तिमाही में हमारे 14% के अनुमान की तुलना में 16% वार्षिक रही है।

  • प्रभात मित्‍तल

    तकनीकी विश्लेषक

    निवेशकों को लाभ का आनंद उठाना चाहिए और अपने पैसे बचाने चाहिए। उन्हें बाजार में गिरावट (करेक्‍शन) आने पर नयी खरीदारी के लिए हमेशा पूँजी बचा कर रखनी चाहिए। आगामी विधान सभा चुनावों का बाजार के लिए काफी महत्व रहेगा और इनका असर नकारात्मक हो सकता है।

  • हेमेन कपाडिया

    संस्‍थापक, चार्ट्स पंडित

    बाजार में गिरावटें आने पर मेरा सकारात्मक नजरिया होगा। भारत की आबादी हमारे बाजार के लिए सबसे सकारात्मक पहलू है, जबकि राजनीति का नकारात्मक असर रहता है। मेरा अनुमान है कि अगले छह महीने में सेंसेक्स 65,000 के आस-पास, जबकि निफ्टी 19,000 के स्‍तर के आस-पास होगा।

  • मयूरेश जोशी

    निदेशक – रिसर्च, विलियम ओ नील इंडिया

    मैं भारतीय बाजार के प्रति आशावादी और सकारात्मक हूँ। यह निश्चित रूप से भारत का दशक और सदी है। अर्थव्यवस्था मजबूत है और बैंकिंग प्रणाली भी एक दशक में संपत्ति गुणवत्ता पर सबसे कम दबाव के साथ दमदार है। भारत सबसे कम ऋण-जीडीपी अनुपात वाली वैश्विक अर्थव्यवस्थाओं में से एक है।

  • धीरेंद्र तिवारी

    रिसर्च प्रमुख, एंटीक स्टॉक ब्रोकिंग

    पूँजीगत व्यय (कैपेक्स) में सुधार होना बाजार के लिए प्रमुख सकारात्मक पहलू है। वहीं देश में राजनीतिक स्थिरता आने वाले समय में भारतीय बाजार के लिए एक बड़ी चिंता बनेगी। अगले छह महीने में भारतीय बाजार चुनावी माहौल से ही सबसे ज्‍यादा प्रभावित होगा। पर राज्यों के चुनावों का बहुत महत्व नहीं रहेगा या इसके चलते हल्का सकारात्मक असर हो सकता है।

  • अविनाश गोरक्षकर

    रिसर्च प्रमुख, प्रॉफिटमार्ट सिक्‍योरिटीज

    भारतीय बाजार अब उड़ने के लिए तैयार है। इसे मजबूत अर्थव्यवस्था, सरकार की ओर से बुनियादी ढाँचे में बहुत बड़े निवेश, मजबूत पूँजीगत निवेश (कैपेक्स) और विदेशी निवेशकों की रुचि से दम-खम मिल रहा है। निवेशकों को मजबूत नकद प्रवाह (कैश फ्लो) और कारोबारी मॉडल वाली अच्छी कंपनियों पर ही केंद्रित रहना चाहिए।

  • टी. एस. हर‍िहर

    संस्‍थापक, एचआरबीवी क्‍लाइंट सॉल्यूशंस

    अच्छे शेयर चुन सकने वालों के लिए भारत एक शानदार बाजार बना हुआ है। आने वाले समय में मिड कैप और स्मॉल कैप शेयरों में ज्यादा सकारात्मक चाल की आशा रहेगी। राज्यों के आगामी विधान सभा चुनाव 2024 के राष्ट्रीय चुनाव के लिए माहौल तैयार कर सकते हैं। इसलिए इन चुनावों का हल्का सकारात्मक असर बाजार पर हो सकता है।

  • सिद्धार्थ रस्‍तोगी

    एमडी एवं सीओओ, ऐंबिट ऐसेट मैनेजमेंट

    हम एक बड़ी तेजी (बुल रन) के आरंभ में हैं। इस गाड़ी पर सवार हो जायें, नहीं तो पीछे छूट जाने का डर सताने लगेगा। मजबूत कृषि, एफडीआई में तेजी और मैन्युफैक्चरिंग के दम पर आ रही वृद्धि भारतीय बाजार की मुख्य सकारात्मक बातें हैं। दूसरी ओर अमेरिका में महँगाई दर और उनका बढ़ता सरकारी घाटा (फिस्कल डेफिसिट) एवं ऋण स्तर प्रमुख चिंताएँ हैं।

  • सुब्रमण्‍यम पशुपति

    मैनेजिंग पार्टनर, कैपिटल सिंडिकेट

    देश के ज्‍यादातर क्षेत्रों में अगर बारिश सामान्‍य रहती है, तो वित्त-वर्ष 2023-24 की दूसरी छमाही में भारतीय बाजार अनुमानों से आगे भी निकल सकते हैं। मुझे नहीं लगता है कि भारतीय बाजार के लिए अभी चिंता की कोई खास बात है और अगले एक साल में इसका प्रदर्शन वैश्‍विक बाजारों से बेहतर होगा।

  • अजय बग्‍गा

    निजी निवेशक

    अभी बाजार मजबूत दिख रहा है, पर उसके बाद यह एक दायरे में अटकेगा और इस साल के अंत तक इसमें गिरावट आ सकती है। अगले छह महीने में सेंसेक्स 60,000 पर और निफ्टी 17,000 पर आ सकते हैं। उसके बाद एक साल की अवधि में सेसेक्‍स 65,000 और निफ्टी 18,700 के स्‍तर पर रह सकते हैं। घरेलू वृद्धि, भारत में खपत की कहानी और युवा आबादी हमारे बाजार के लिए सकारात्मक पहलू हैं। पर भारतीय बाजार के लिए वैश्विक मंदी, भूराजनीतिक (जियोपॉलिटिकल) जोखिम और आम चुनाव प्रमुख चिंताएँ हैं।

  • नितेश चांद

    फंड मैनेजर, साइक्‍स ऐंड रे इक्‍व‍िटीज

    मूल्यांकन और मूल्य के दायरे के हिसाब से बाजार ऊँचे स्तरों पर है। यह अगली टिकाऊ तेजी से पहले ठहराव (कंसोलिडेशन) दिखा सकता है। मेरा अनुमान है कि अगले छह महीने में सेंसेक्स 60,000 और निफ्टी 18,000 के आस-पास रह सकता है। एक साल में सेंसेक्स 55,000 और निफ्टी 17,000 तक फ‍िसल सकते हैं।

  • हितेंद्र वासुदेव

    तकनीकी विश्लेषक

    बाजार में तेजी है और अगर अप्रत्याशित रूप से कोई तीखी गिरावट आये तो वह निचले भावों पर खरीदने का अवसर होगा। अगले छह महीने में निफ्टी 19,526 और सेंसेक्स 65,650 के स्‍तर तक जाने की आशा है, जबकि एक साल की अवधि में सेंसेक्स का लक्ष्य 72,166 और निफ्टी का लक्ष्य 21,584 का है। आत्‍मनिर्भर भारत योजना और भारत का विनिर्माण केंद्र (मैन्युफैक्चरिंग हब) के रूप में उभरना भारतीय बाजार के लिए सकारात्‍मक पहलू है।

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