कल मुनाफा वसूली के कारण कॉटन वायदा (फरवरी) की कीमतों में 37,990 रुपये के रिकॉर्ड उच्च स्तर से 1.3% की गिरावट हुई है।
उच्च स्तर पर मुनाफा वसूली के कारण कॉटन वायदा (फरवरी) की कीमतों में कल 2% से अधिक की गिरावट हुई है।
कॉटन वायदा (फरवरी) ने 37,110-36,330 रुपये के सीमित दायरे में कारोबार किया लेकिन लगातार दूसरे सप्ताह बढ़त के साथ बंद हुआ।
कॉटन वायदा (मार्च) की कीमतों में अब तक के उच्चतम स्तर 41,330 रुपये पर पहुँचने के बाद कल मामूली गिरावट हुई है।
कॉटन वायदा (अप्रैल) की कीमतों में कल मामूली बढ़ोतरी हुई है लेकिन उच्च स्तर पर बिकवाली का दबाव बना रहा।
अधिक कीमतों पर कम माँग के कारण कॉटन वायदा (अगस्त) की कीमतों पर दबाव है। कीमतों को तत्काल रुकावट 27,800 रुपये पर है और 26,400 रुपये के स्तर पर सहारा है।
देश में स्टॉक कम होने के कारण कॉटन वायदा (अगस्त) की कीमतें अब तक के सबसे ऊँचे भाव पर कारोबार कर रही हैं।
अंतरराष्ट्रीय बाजार में नरमी के रुझान पर कॉटन वायदा (अप्रैल) की कीमतों में 20,400-20,200 रुपये के स्तर तक गिरावट हो सकती है।
उच्च स्तर पर मुनाफा वसूली के कारण कॉटन वायदा (अक्टूबर) की कीमतों में कल गिरावट दर्ज गयी है।
अधिक कीमतों पर मिलों की ओर से कम माँग के कारण कॉटन वायदा (नवंबर) की कीमतों में कल 1.8% की गिरावट हुई है।
कॉटन वायदा (दिसंबर) की कीमतें लगातार चौथे दिन शुक्रवार को गिरावट के साथ बंद हुई और कीमतें 31,110 रुपये पर सहारा और 31,460 रुपये पर बाधा के साथ सीमित दायरे में कारोबार कर सकती है।
कॉटन वायदा (फरवरी) की कीमतों कल गिरावट हुई है अब कीमतों के 37,550 रुपये के स्तर पर बाधा के साथ 37,000 रुपये के स्तर पहुँचने की संभावना है।
उच्च स्तर पर मुनाफा वसूली के कारण कॉटन वायदा (फरवरी) की कीमतों में 1.5% की गिरावट हुई है।
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संवत 2081 में पूरे साल बाजार थका रहा, पर बीतते-बीतते यह संवत एक नया जोश देते हुए जा रहा है। अभी हाल तक बाजार में सभी यह चर्चा कर रहे थे कि पिछली दीपावली से इस दीपावली तक तो बाजार में नुकसान ही है, या पैसे नहीं बने।
आम लोग खुश हैं कि जीएसटी कम होने से चीजें सस्ती होंगी। महँगाई दर घटने वाला सस्तापन नहीं, असल में आपको पहले से कम पैसे खर्च करके सामान मिलेंगे। और सस्ता होने वाले सामानों की सूची बहुत लंबी है, अमीर-गरीब सबको फायदा मिलने जा रहा है।