अमेरिकी अर्थ जगत में रोजाना जारी किये जा रहे विभिन्न नकारात्मक आंकड़ों के बीच अमेरिकी वित्त सचिव द्वारा जारी किये गये बयान की वजह से बुधवार को भी यानी लगातार तीसरे दिन अमेरिकी शेयर बाजारों में गिरावट का क्रम बना रहा और डॉव जोंस में 411 अंकों या 4.73% की कमजोरी दर्ज की गयी। नैस्डैक में 5.17% की गिरावट रही। यदि यूरोप की बात करें, तो डैक्स में लगभग 3% और एफटीएसई 100 में 1.5% की कमजोरी रही। कल यूरोपीय और अमेरिकी बाजारों में आयी गिरावट का साफ असर गुरुवार को एशियाई बाजारों में दिख रहा है। भारतीय समयानुसार दोपहर 12.30 बजे हैंग सेंग और जकार्ता कंपोजिट में लगभग 4.5-5.5% की गिरावट है। जापान का निक्केई सूचकांक 5.25% की गिरावट के साथ बंद हुआ। ताइवान वेटेड में 3.85% की कमजोरी है। स्ट्रेट टाइम्स और कॉस्पी लगभग 3% नीचे चल रहे हैं। एशियाई बाजारों की इस गिरावट से फिलहाल शंघाई कंपोजिट अछूता दिख रहा है, जो शुरुआती कमजोरी के बाद इस समय लगभग 4% की बढ़त पर है।
कमजोरी के मौकों पर भारतीय शेयर बाजार को लगातार सहारा दे रहे म्यूचुअल फंडों को अक्टूबर में निवेशकों की काफी बेरुखी झेलनी पड़ी है। अक्टूबर महीने के दौरान निवेशकों ने म्यूचुअल फंडों से कुल 46,793 करोड़ रुपये का निवेश निकाल लिया।
अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में हाल में आयी गिरावट के बावजूद देश में पेट्रोल-डीजल अभी सस्ते नहीं होंगे। केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री मुरली देवड़ा ने आज संवाददाताओं से बातचीत में साफ किया कि इस समय कीमतें नहीं घटायी जा सकतीं, क्योंकि तेल कंपनियां अब भी भारी घाटा उठा रही हैं।
बुधवार को जारी किये गये आंकड़ों के अनुसार सितंबर महीने में औद्योगिक विकास दर 4.8% रही है, जबकि पिछले साल सितंबर महीने में यह 6.98% रही थी। लेकिन इस साल अगस्त महीने के 1.3% के आंकड़े से तुलना की जाये, तो इसमें काफी सुधार दर्ज किया गया है। कैपिटल गुड्स क्षेत्र में पिछले साल के लगभग 21% की तुलना में इस साल सितंबर महीने में 18.8% की वृद्धि दर्ज की गयी है। यदि मैन्यूफैक्चरिंग क्षेत्र की बात करें, तो यह पिछले साल के सितंबर महीने के 7.4% से घट कर लगभग 4.8% रह गयी है।