अपने शेयरों को देखें, सूचकांक को नहीं : डी. प्रसाद (D.Prasad)
निवेशकों को अपने शेयरों पर ध्यान देना चाहिए, न कि सूचकांक पर।
निवेशकों को अपने शेयरों पर ध्यान देना चाहिए, न कि सूचकांक पर।
अभी सबसे बड़ी चिंता बढ़ती ब्याज दरों को लेकर है, जिससे भारत भाग नहीं सकता।
बाजार को लेकर मेरा नजरिया सकारात्मक है, लेकिन इस समय किसी को कम-से-कम 2-3 साल की अवधि का ध्यान रख कर ही निवेश करना चाहिए।
भारतीय अर्थव्यवस्था एक बड़ी उछाल के लिए तैयार है।
बाजार में काफी ज्यादा खरीदारी हो चुकी है, इसलिए निकट भविष्य में संभव है कि यह निराश करे।
आने वाले दिनों में भारतीय बाजार की चाल अन्य देशों से तेज रहेगी।
दोपहर के कारोबार में भारतीय शेयर बाजार के प्रमुख सूचकांकों में भारी गिरावट है।
मोदी सरकार के पहले रेल बजट की खासियत हाईस्पीड और बुलेट ट्रेन को प्राथमिकता देना रही है।
रेल मंत्री डी.वी सदानंद गौड़ा (D.V Sadananda Gowda) ने आज संसद में कारोबारी साल 2014-15 का रेल बजट पेश किया।
मैं बाजार में अभी सावधानी के साथ सकारात्मक नजरिया लेकर चल रही हूँ।
भारतीय शेयर बाजार अभी नकारात्मक रुझान के साथ सीमित दायरे में नजर आ रहा है और निफ्टी (Nifty) को 7700 के स्तर पर मिलेगा।
व्यापार जगत की धारणा सकारात्मक हो चुकी है। लेकिन जब विकास दर में तेजी आनी शुरू हो जायेगी और कंपनियों की लाभदायकता में सुधार नजर आने लगेगा तो बाजार का मूल्यांकन फिर से बढ़ेगा।
मेरे विचार से बाजार एक बड़ी तेजी के दौर की शुरुआत कर रहा है।
इस समय बाजार अपनी मौजूदा बुनियादी स्थिति से कहीं ज्यादा आगे चला गया है।
भारतीय शेयर बाजार का भविष्य अभी अच्छा लग रहा है।
यह निवेश के लिए काफी अच्छा समय है। लोगों के पास एक संपदा के रूप में शेयरों का स्वामित्व अब भी काफी कम है।