
सरकारी कंपनी कोल इंडिया ने चौथी तिमाही के नतीजे पेश कर दिए हैं। कंपनी के मुनाफे में कंसोलिडेटेड आधार पर 17 फीसदी की गिरावट देखी गई है। मुनाफे में गिरावट की वजह वेज बिल है। कंपनी का कंसोलिडेटेड आधार पर मुनाफा 6693 करोड़ रुपये से घटकर 5533 करोड़ रुपये दर्ज हुआ है। वहीं कंसो आय में 17 फीसदी की बढ़ोतरी देखने को मिली है। आय 32709 करोड़ रुपये से बढ़कर 38152 करोड़ रुपये के स्तर पर पहुंच गया है।
वहीं कामकाजी मुनाफा में 40 फीसदी की बढ़ोतरी देखी गई है। कामकाजी मुनाफा 9102 करोड़ रुपये से बढ़कर 12768 करोड़ रुपये हो गया है। वहीं चौथी तिमाही में कंपनी के मार्जिन में भी वृद्धि हुई है। मार्जिन 28 फीसदी 33.5 फीसदी हो गया है। कंपनी ने वेज में संशोधन के लिए 5870 करोड़ का प्रोविजन रखा है। पावर सेक्टर को कोयले की आपूर्ति 46.2 मीट्रिक टन बढ़कर 586.6 मीट्रिक टन रहा है। एफएसए (FSA) यानी फ्यूल सप्लाई एग्रीमेंट वॉल्यूम 168 मीट्रिक टन रहा। वहीं एफएसए (FSA) रियलाइजेशन में सालाना आधार पर 5 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है और यह 1550 रुपये प्रति टन रहा। मौजूदा तिमाही में ई-ऑक्शन प्रीमियम 192 फीसदी रहा। कंपनी ने पिछले साल के 1,080.97 करोड़ रुपये के मुकाबले 8152 करोड़ का प्रोविजन किया है। मौजूदा तिमाही में कोयले के उत्पादन में 7 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। वहीं बिक्री 180.249 मिलियन टन से बढ़कर 186.877 मिलियन टन पहुंच गया है। कंपनी ने 4 रुपये प्रति शेयर डिविडेंड का ऐलान किया है।
(शेयर मंथन 8 मई, 2023)
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