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डॉनल्ड ट्रंप ने किया नया दावा, व्यापार के कारण युद्ध से पीछे हटे भारत और पाकिस्तान

अमेरिका के राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ने भारत और पाकिस्तान को लेकर एक बार फिर से सनसनीखेज दावा किया है। ट्रंप का कहना है कि दोनों देशों के बीच तनाव में आयी कमी की मुख्य वजह व्यापार है। उन्होंने सोमवार को वॉशिंगटन में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान दावा किया कि भारत और पाकिस्तान के बीच युद्धविराम में उनकी सरकार की महत्वपूर्ण भूमिका रही है।

ट्रंप ने यह भी कहा कि दोनों देशों के बीच व्यापार की संभावनाओं ने उन्हें संघर्ष से पीछे हटने पर मजबूर किया। उनका यह बयान एक बार फिर दक्षिण एशिया की कूटनीति और अमेरिका की भूमिका को लेकर नयी बहस छेड़ सकता है।

उन्होंने अपने संबोधन में कहा, ‘‘हम आप लोगों के साथ बहुत सारा व्यापार करने जा रहे हैं। इसे बंद करो। इसे रोको। अगर आप इसे रोकते हो, तो हम व्यापार करेंगे। अगर आप इसे नहीं रोकते, तो हम कोई व्यापार नहीं करेंगे। हम पाकिस्तान के साथ बहुत सारा व्यापार करने जा रहे हैं। हम भारत के साथ भी बहुत सारा व्यापार करने जा रहे हैं। हम अभी भारत के साथ बातचीत कर रहे हैं, और जल्द ही हम पाकिस्तान के साथ भी बातचीत शुरू करेंगे।’’

दरअसल, पिछले महीने जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के संबंध तनावपूर्ण हो गये थे। इसके जवाब में भारतीय सेना ने ऑपरेशन सिंदूर नाम से सीमापार कई आतंकी ठिकानों को निशाना बनाते हुए जवाबी कार्रवाई की। इस ऑपरेशन के बाद दोनों ओर से सीमावर्ती क्षेत्रों में भारी गोलीबारी हुई। पाकिस्तानी सेना ने ड्रोन और मिसाइलों से भारत के कई शहरों, धार्मिक स्थलों, अस्पतालों और सैन्य ठिकानों को निशाना बनाने का प्रयास किया। पाकिस्तान के ये प्रयास असफल कर दिये गये, लेकिन भारतीय सेना ने इसका कड़ा प्रत्युत्तर दिया और पाकिस्तानी सेना के 11 एयरबेस तबाह कर दिये।

इसके बाद भारत और पाकिस्तान दोनों ने 10 मई की शाम से संघर्ष विराम पर सहमति जतायी। इस पूरे घटनाक्रम में अमेरिका की भूमिका भी सामने आयी है। ट्रंप ने सबसे पहले इसकी जानकारी सार्वजनिक की। उसके बाद पाकिस्तान की ओर से जारी बयान में ट्रंप का नाम लेकर उनको धन्यवाद ज्ञापित किया। हालाँकि भारत ने ट्रंप या अमेरिका की भूमिका का कोई जिक्र नहीं किया है। भारत का कहना है कि संघर्ष को स्थगित करने का निर्णय पाकिस्तानी सेना द्वारा भारतीय सेना के डीजीएमओ से बातचीत के लिए संपर्क करने के बाद लिया गया, क्योंकि भारत पहले ही अपने सारे उद्देश्यों और लक्ष्यों को हासिल कर चुका था।

(शेयर मंथन, 13 मई 2025)

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